नई दिल्ली:– मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) को लेकर हाल ही में कुछ अनियमितताओं का इशारा किया गया है। केंद्र सरकार ने बताया है कि देश के करीब 17 लाख मामलों में यह पाया गया है कि पति और पत्नी दोनों ही इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। इसका खुलासा केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाए गए एक जांच अभियान के दौरान हुआ है। इसे लेकर सरकार अब सतर्क हो गई है। सरकार ने राज्य सरकारों को एक चिट्ठी लिखकर इन संदिग्ध मामलों के लिए वेरिफिकेशन प्रोसेस को जल्द से जल्द पूरा करवाने को कहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र ने किसान सम्मान निधि योजना के 31.01 लाख लाभार्थियों को संदिग्ध मामलों के रूप में चिह्नित किया है, जहां पति और पत्नी दोनों एक साथ नकद राशि प्राप्त कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक 31.01 लाख मामलों में से 19.02 लाख लाभार्थियों का सत्यापन पूरा हो चुका है। इनमें से 17.87 लाख लाभार्थियों के पति-पत्नी होने की पुष्टि की गई है। कृषि मंत्रालय ने राज्यों को चिट्ठी भेजकर 15 अक्टूबर तक सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।
गैरतलब है कि भूमिधारक किसान परिवारों की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से शुरू की गई पीएम-किसान योजना के तहत, केंद्र सरकार हर साल तीन किस्तों में 6,000 रुपये किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करती है। हालांकि इस योजना का लाभ हर किसान परिवार के एक ही सदस्य उठा सकते हैं। योजना के मुताबिक पति, पत्नी और नाबालिग बच्चों को किसान के परिवार का हिस्सा माना जाता है।
जानकारी के मुताबिक सरकार ने कथित तौर पर 1.76 लाख मामलों की पहचान की है जहां एक ही घर के नाबालिग बच्चे और परिवार के कई दूसरे अन्य सदस्य PM किसान- का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 2 अगस्त को वाराणसी से PM Kisan योजना की 20वीं किस्त जारी की है। इस दौरान देश भर के 9.7 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में पैसे भेजे गए हैं।