नई दिल्ली:– हिंदू धर्म में नवरात्रि महापर्व को सबसे शुभ एवं पावन तिथि के रूप में जाना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस महापर्व में जगत जननी मां आदिशक्ति के आराधना के दिनों में अगर कुछ उपाय कर लें तो जीवन से जुड़ी हर तरह की दिक्कतों से छुटकारा मिल सकता है।
अगर आप जीवन में राहु-केतु का साया है और लगातर बाधाएं आ रही है और संकट खत्म नहीं हो रहे हैं, तो शारदीय नवरात्रि में कुछ विशेष उपाय कर सकते है। आज इस कड़ी में हम जानेंगे कि आखिर किन उपायों से राहु और केतु के बुरे प्रभावों को दूर कर सकते हैं।
नवरात्रि में चुपचाप कर लें ये टोटके
कैसे करें राहु-केतु दोष की पहचान जानिए
ज्योतिष-शास्त्र में राहु और केतु पापी ग्रह माने गए हैं। कुंडली के जिस भाव में ये दोनों होते हैं अशुभ फल देते है। खराब राहु बुद्धि को भ्रष्ट करता है, वहीं खराब केतु जातक को बिना सोचे-समझे काम करने के लिए प्रेरित करता है।
इन दोनों ग्रहों के खराब होने से जीवन में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। राहु का ज्ञानेन्द्रियों का कारक है और केतु कर्मेन्द्रियों का कारक है।
राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कैसे कम करें
ज्योतिषयों का कहना हैं कि, जो भी भक्त सच्चे मन से मां भगवती की उपासना करता है उसकी कुंडली से राहु-केतु का दोष को दूर हो जाता है। कहते है, नवरात्रि के दिनों में माता के सामने बैठकर दुर्गा सप्तशती का पाठ का जाप करने वाले भक्त को राहु केतु कभी परेशान नहीं करता है।
इसके साथ ही नवरात्रि के अलावा हर दिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करने से राहु और केतु जैसे अशुभ प्रभाव भी कम से कम होने लगता है।
इन देवियों की पूजा करने से दूर होती राहु और केतु के दुष्प्रभाव
ज्योतिष गुरू के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की विधि विधान से पूजा-अर्चना करने से भक्त पर राहु और केतु का दोष नहीं लगता है। ऐसे में माता के इन दो स्वरूपों की पूजाकर राहु और केतु के बुरे प्रभावों से छुटकारा पा सकते हैं।
राहु-केतु के बुरे प्रभावों को दूर करने का दूसरा उपाय
राहु दोष से मुक्ति पाना है तो नवरात्रि में चांदी से बनी हाथी की प्रतिमा घर लेकर आएं और पूजा घर या तिजोरी में रख दें। हर दिन इस मूर्ति के दर्शन करें। इस एक आसान उपाय को करने से राहु के बुरे प्रभाव दूर हो जाएंगे।
