मध्यप्रदेश:– कई लोगो के दिन की शुरुआत दलिया के साथ ही होती है. दलिया में फाइबर और कई प्रकार से न्यूटिएंट्स होते हैं जिसे लोग दूध या फिर सब्जियों और दाल के साथ बनाकर खाते हैं. अलग-अलग लोगों को इसके स्वाद में कुछ बदलाव करना अच्छा लगता है और उसे वे बेहद क्रिएटिव तरीके से बनाते रहते हैं. हालांकि, स्वाद से जुड़ी क्रिएटिविटी अच्छी है, लेकिन कई बार इससे पोषक तत्वों पर भी प्रभाव पड़ता है. जैसे कि आज हम बात करेंगे उन लोगों की जो कि दलिया में दही मिलाकर खाते हैं. क्या यह तरीका सही है?आइए जानते हैं विस्तार से…
दलिया
फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और बी-विटामिन्स से भरपूर.
पाचन में मदद करता है और लंबे समय तक पेट भरा रखता है.
डायबिटीज और हृदय रोग के जोखिम को कम करता है.
दही
प्रोबायोटिक फूड है जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है.
कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन बी12 का अच्छा स्रोत.
इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है.
दलिया + दही क्या यह कॉम्बिनेशन सही है?
फायदेमंद कब होता है
अगर आप दलिया को नमकीन तरीके से बना रहे हैं जैसे खिचड़ी स्टाइल में सब्जियों के साथ तो ऊपर से थोड़ा दही डालना पाचन के लिए फायदेमंद हो सकता है. गर्मी के मौसम में यह ठंडक देता है और लाइट भोजन के रूप में काम आता है.
कब नुकसानदेह हो सकता है
गरम दलिया + ठंडी दही अगर दलिया बहुत गर्म है और उस पर ठंडी दही डाली जाए, तो ये पाचन तंत्र के लिए नुकसानदेह हो सकता है. आयुर्वेद में यह कहा गया है कि गर्म और ठंडी चीज़ों का मेल असंयोग है, जिससे गैस, अपच या पेट दर्द हो सकता है.
रात में सेवन: रात में दही खाना कई बार कफ और सर्दी बढ़ा सकता है. इसलिए अगर दलिया और दही का कॉम्बिनेशन लेना हो, तो दिन में लें.
अगर एलर्जी या पाचन की समस्या है, कुछ लोगों को दही से लैक्टोज इन्टॉलरेंस या एसिडिटी हो सकती है, ऐसे में दही वाला दलिया नुकसान कर सकता है.
ध्यान देने योग्य बातें
दलिया और दही को एक साथ लेना चाहते हैं, तो दलिया को ठंडा या कमरे के तापमान पर लाकर ही दही मिलाएं.
चाहें तो ऊपर से थोड़ी भुनी जीरा पाउडर या काला नमक डाल सकते हैं – इससे पाचन बेहतर होगा.
कोशिश करें कि रात में दलिया-दही न लें, विशेषकर बरसात या ठंड के मौसम में.