समय सारिणी तैयार करने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे ने ट्रेनों की बदली हुई टाइमिंग और ठहराव को सिस्टम में फीड करना शुरू कर दिया है। टिकटों पर ट्रेनों के समय में बदलाव संबंधित संदेश लिखकर आने लगे हैं।
लोको पायलटों, गार्ड , स्टेशन मास्टर, यातायात निरीक्षक और यात्रियों के लिए टाइम टेबल की छपाई की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। आइआरसीटीसी ट्रेन एट ए ग्लांस को आनलाइन जारी करता है। साथ ही स्टेशनों पर टाइम टेबल की बिक्री भी सुनिश्चित करता है।
रेलवे की समय सारिणी में पूर्वोत्तर रेलवे की पहली वंदे भारत ट्रेन भी शामिल हो गई है। गोरखपुर-गोंडा कुछ पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों के समय में बदलाव हो सकता है। गोरखपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली इंटरसिटी और वंदे भारत के लिए गोरखपुर-गोंडा पैसेंजर के छूटने के समय में बदलाव किया गया है। गोरखपुर-लखनऊ रूट पर लगभग दर्जन भर ट्रेनों के समय में आंशिक बदलाव किया गया है।
बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर-छपरा मार्ग का दोहरीकरण और विद्युतीकरण हो जाने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे ने कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों के समय में बदलाव की योजना तैयार की थी, लेकिन उत्तर रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे की सहमति नहीं मिल पाने से ट्रेनों के टाइम टेबल में बड़ा बदलाव नहीं हो पाया है। ट्रैक क्षमता बढ़ने के बाद भी गोरखपुर से बनकर चलने वाली ट्रेनें आज भी पुरानी समय सारिणी के आधार पर चल रही हैं।
ट्रैक क्षमता बढ़ने व नए टाइम टेबल से यात्रियों को विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह कहते हैं कि रेल खंडों की क्षमता और गति बढ़ने के बाद टाइम टेबल के रिवाइज की भी प्लानिंग है। यात्री सुविधाओं का ख्याल रखा जाता है।