नई दिल्ली:– पीसीओडी और पीसीओएस हार्मोन इंबैलेंस से जुड़ी समस्याएं हैं। इन समस्याओं में ओवरी में सिस्ट हो जाते हैं। अगर सिस्ट कम और छोटे हैं, तो महिला को पीसीओडी होता है। लेकिन अगर सिस्ट बड़े और ज्यादा हैं, तो आपको पीसीओएस हो सकता है। इन समस्याओं में वजन बढ़ना, कंसीव करने में मुश्किल होना और पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। अगर शुरुआत में ही इन समस्याओं का पता चल जाए, तो इन्हें कंट्रोल किया जा सकता है। खासकर पीसीओडी को हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट के जरिए कंट्रोल कर सकते हैं। पीसीओडी और पीसीओएस के इलाज के लिए लोग कई तरीके अपनाते हैं। कुछ लोग दवाओं पर निर्भर हो जाते हैं, तो कई लोग अलग डाइट फॉलो करने लगते हैं। इन समस्याओं में हर चीज फायदेमंद नहीं होती है। कुछ चीजें केवल मिथक होने के कारण लोग फॉलो करते हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए पीसीओएस रिवर्सेबल कोच और डायटिशियन विधि चावला ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है।
पीसीओडी और पीसीओएस में सप्लिमेटं न लें। क्योंकि इससे आपकी बॉडी को फायदा नहीं होता है।
फैड डाइट फॉलो न करें क्योंकि इसके सेवन से शरीर में पोषक तत्वों की कमी आ सकती है।
पीसीओडी और पीसीओएस में खास डिटॉक्स टी और जूस न पिएं। क्योंकि इनके सेवन से हार्मोनल हेल्थ को फायदा नहीं होता है।
कई लोग पीसीओडी और पीसीओएस में हाई इंटेंस इंटरनल ट्रेनिंग करते हैं। इसके कारण शरीर में हार्मोन इंबैलेंस हो सकता है।
दिनभर पर्याप्त पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट रखें। क्योंकि डिहाइड्रेशन के कारण भी हार्मोन्स इंबैलेस हो सकते हैं।
अपने मील स्किप न करें और माइंडफुल ईटिंग पर ध्यान दें। इससे आपको हार्मोन्स बैलेंस रखने में मदद मिलेगी।
जंक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन बिलकुल न करें। क्योंकि ये चीजें हार्मोन्स से जुड़ी समस्याओं के बढ़ा सकती हैं।
अपनी डाइट में रिफाइंड प्रोडक्ट्स को बिलकुल अवॉइड करें। केवल घर का बनान ताजा खाना ही खाएं।
डाइट में मौसम के मुताबिक सब्जियां और फल जरूर एड करें। क्योंकि इससे बॉडी को पर्याप्त पोषक तत्व मिलेगें।
अपने लाइफस्टाइल में योगा, एक्सरसाइज या वॉक को जरूर शामिल करें। इससे आपकी बॉडी एक्टिव रहेगी और आपके हार्मोन्स भी बैलेंस रहेंगे।
हेल्दी वेट मेंटेन रखें क्योंकि इससे बॉडी में हार्मोन्स भी बैलेंस रहेंगे। वेट मेंटेन रखने से अन्य हार्मोन असंतुलित होने का खतरा भी नहीं होगा।
पीसीओडी और पीसीओएस में मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना भी जरूरी है। इसलिए अपने लाइफस्टाइल में मेडिटेशन और डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज जरूर शामिल करें।
रोज 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें। क्योंकि इससे आपकी बॉडी एक्टिव रहेगी और हार्मोन्स भी बैलेंस रहेंगे।