नई दिल्ली : सर्दियों का ये मौसम आपकी सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चे-बुजुर्ग और कुछ प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार लोगों को ठंडक से बचाव करते रहना बहुत जरूरी हो जाता है। गिरता तापमान ब्लड प्रेशर, शुगर, हृदय रोगों से लेकर सांस की समस्याओं के शिकार लोगों की दिक्कतों को बढ़ाने वाला हो सकता है। यही कारण है कि इस मौसम में लोग अधिक बीमार पड़ते हैं। ऐसे में अगर आपको भी इस तरह की कोई दिक्कत है तो सावधान हो जाने की आवश्यकता है।
सर्दियों का मौसम सांस के रोगियों जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या फिर निमोनिया जैसी बीमारियों के शिकार लोगों के लक्षणों को बढ़ाने वाली हो सकती है। हवा में शुष्की और ठंडक के कारण श्वसन तंत्र की समस्याओं के शुरू होने का भी खतर हो सकता है। आइए जानते हैं कि ठंड का मौसम किस प्रकार से श्वसन समस्याओं के शिकार लोगों के लिए समस्याकारक है और बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है?
ठंड के मौसम में अस्थमा की दिक्कत
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अस्थमा के शिकार लोगों के लिए ये जानना जरूरी है कि किन चीजों से आपकी समस्या ट्रिगर हो सकती है। पर्यावरणीय एलर्जी, बीमारी या तापमान में परिवर्तन इनमें से प्रमुख है। कई लोग बताते हैं कि सर्दियों के महीनों के दौरान उनके लक्षण बढ़ जाते हैं।
मौसम में बदलाव, हवा में शुष्की के कारण आपके वायुमार्ग में जलन हो सकती है, जिसमें वायुमार्ग की परत में सूजन बढ़ने लगती है। यह जलन-सूजन अस्थमा के लक्षणों को बदतर बना देती है। रोगी को सीने में जकड़न, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और घरघराहट जैसी दिक्कतें होने लगती हैं।
सर्दियों में बढ़ सकती हैं श्वसन समस्याएं
श्वसन रोग विशेषज्ञ बताते हैं, न केवल अत्यधिक गर्मी और ठंड आपके अस्थमा को ट्रिगर करती है, बल्कि तापमान में अचानक बदलाव के कारण भी दिक्कतों के बढ़ने का खतरा रहता है।
मौसम में बदलाव के अलावा सर्दियों के महीने आमतौर पर श्वसन वायरस में वृद्धि वाले भी होते हैं, जो अस्थमा रोगियों के लिए ट्रिगर होते हैं। इस मौसम में आरएसवी, फ्लू, सामान्य सर्दी और कोविड-19 जैसे संक्रमण के कारण भी अस्थमा पीड़ितों की समस्या बढ़ सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि सर्दियों के महीनों के दौरान वायरल संक्रमण 60 से 70% तक अस्थमा के जोखिमों को बढ़ाने वाले हो सकते हैं।
क्या है डॉक्टर्स की सलाह?
डॉ. सलाह देते हैं कि जब मौसम बदलता है तो अस्थमा या सांस के अन्य रोगियों को अपने पल्मोनोलॉजिस्ट की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। सुनिश्चित करें कि ठंड से बचाव करते रहें, दवाओं में लापरवाही न करें। सर्दियों में गर्म कपड़े पहनें, विशेष रूप से मुंह, नाक और सिर के आसपास के हिस्सों को अच्छी तरह से ढक कर रखें। किसी भी जटिलता से बचाव के लिए इनहेलर हमेशा अपने पास रखें।
इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर कहते हैं, सर्दियों के दौरान अस्थमा के ट्रिगर होने का एक कारण इनडोर प्रदूषण भी हो सकता है। न केवल ठंड का मौसम अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए खतरा है, बल्कि सर्दियों के महीनों में अक्सर घर के अंदर रहना भी इस समस्या को बढ़ा सकता है। अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए धूल के कण और फफूंदी जैसे इनडोर ट्रिगर भी होते हैं। इससे बचने के लिए कमरे में वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था रखें, बहुत देर से हीटर जलाकर न रखें ये भी समस्याकारक हो सकती है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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