
पसान::- हरियाली व वनों से भरपूर माने जाने वाले जिले के जंगलों को तस्कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग की निगरानी नहीं होने से रातोरात जंगल से कीमती सागौन के पेड़ काटे जा रहे हैं। विभाग को कुछ खबर नहीं मिल रही है। लकड़ी तस्कर जिले में सक्रिय है। अवैध सागौन कटाई मामले में विभाग की कार्रवाई व जंगलों की स्थिति की पड़ताल में यह बात सामने आई कि पिछले साल एक भी कार्रवाई नहीं हुई है।
वन विभाग ने अब तक कटाई करने वालो को पकड़ने में सफलता हासिल नहीं की। कुछ क्षेत्रों में राजनीतिक पहुंच रखने वाले लकड़ी के अवैध कारोबार में लगे हुए।
पसान से लगे हुए आसपास के घने जंगलो व सागौन प्लांट में लगातार सागौन व अन्य कीमती पेड़ कांटे जा रहे है। जिससे विभाग को राजस्व आय का नुकसान हो रहा है। वन परिक्षेत्र में स्टाफ नियमित निगरानी नहीं रख पा रहे है। सड़क किनारे तो चौकसी होती है। लेकिन तस्कर जंगलो से रास्ता बनाकर सागौन लकड़ी पार कर रहे है।
लकड़ी माफिया रात में चला रहे कुल्हाड़ी और आरी
जंगलों में वन माफिया रात के वक्त जंगलों में घुस कर पेड़ों पर कुल्हाड़ी व आरी चला रहे हैं। पसान के ग्रामीणों की माने तो लगातार पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है। वन माफियाओं ने कीमती सागौन के सैकड़ों पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाकर शासन को लाखों का नुकसान पहुंचाया है।
सागौन के पेड़ कटाई के बाद ठूंठ में तब्दील हो रहे हैं।
अफसर बन रहे अंजान
जहां राज्य प्रशासन ने जंगलो में अभ्यारण्य बनाकर जंगली जानवरों व जंगल को सुरक्षित करने की योजना बनाई है। लेकिन आज तक इस अमल नहीं हो पाया हैं।
जानकारी न होने का बहाना बता कर विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्यों से पल्ला झाड़ रहे हैं
कीमती होते हैं सागौन का पेड़
सागौन की एक पेड़ की कीमत लाखों में होने के बाद भी विभाग इसकी सुरक्षा नहीं कर पा रहा है। जिले के जंगलो में वर्षो पहले से पेड़ तो लगे है। लेकिन उनकी निगरानी नहीं होने से तस्करों की चांदी हो गई है। सुरक्षा करने वाला कोई नहीं है। इसका फायदा उठाकर वन माफिया जंगल से सागौन की कटाई करने में लगे हैं।