बलौदाबाजार जवाहर नवोदय विद्यालय में सत्र 2022 में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षा में पर्यवेक्षक द्वारा परीक्षा हॉल में मोबाईल से एक छात्र को 30 मिनट तक नकल कराने का आरोप परीक्षा दे रही एक छात्रा ने लगाया है। पूरे मामले की जानकारी होने पर परीक्षा के अंत मे पूरे स्कूल परिषर में हड़कंप मच गया।
दरअसल शनिवार को पूरे छत्तीसगढ़ में जवाहर नवोदय स्कूल के कक्षा 6वी में प्रवेश के लिए चयन परीक्षा का आयोजन किया गया था जिसमें जिलें के कसडोल विकासखंड में कुल 10 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे जिसमें नकल को रोकने जवाहर विद्यालय द्वारा बाकायदा सीएलवो की नियुक्ति की गई थी लेकिन परीक्षा में ड्यूटी कर रहें पर्यवेक्षक ने लाइट गुल होने का फायदा उठाकर खेल कर दिया।खबरें और भीपूरा मामला परीक्षा केंद्र कसडोल में संचालित गुरु घासीदास स्कूल का है जहाँ कमरा नम्बर 02 में जवाहर नवोदय विद्यालय में चयन का परीक्षा दे रहे छात्रों में 1 छात्र को मैनेजमेंट ड्यूटी कर रहें राम नारायण देवांगन ने ड्यूटी कर रहें पर्यवेक्षक एच.पी. साहू को मोबाईल देकर लगभग 30 मिनट तक मोबाइल के माध्यम से नकल कराने का आरोप लगा है।
जब इसका विरोध समीप बैठी छात्रा बुसरा खान ने किया तो उसे पर्यवेक्षक ने अपना अंसार बनाने की सलाह दी गई। अब सवाल यह उठता है कि जब जवाहर नवोदय विद्यालय में नकल रोकने सीएलवो की नियुक्ति की गई थी और सीएलवो ने जब परीक्षा प्रारंभ होने से पहले ही पर्यवेक्षकों के मोबाईल जब्त करवा लिए थे तो मैनेजमेंट की ड्यूटी कर रहें शिक्षक और पर्यवेक्षक ने किसके संरक्षण में इतना बड़ा नकल करवा डाला, यह तो जांच का विषय है, फिलहाल अब जवाहर नवोदय के चयन परीक्षा में बहुत बड़े रैकेट होने की संभावना जताई जा रही है।सूत्रों की माने तो यह रैकेट हर वर्ष इसी तरह जुगाड़ से छात्रों को पास कराने का ठेका लेकर नकल कराते है, इसी के मद्देनजर इस वर्ष जवाहर विद्यालय द्वारा नकल रोकने सीएलवो की नियुक्ति की गई थी लेकिन मुन्नाभाइयों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया।
बहरहाल अब इस पूरे परीक्षा पर सवाल उठ रहा है।आपको बता दे कि पिछले वर्ष भी जिले के बिलाईगढ़ विकासखंड से 19 छात्रों का चयन हुआ था साथ ही विकासखंड कसडोल के एक निजी स्कूल से ही 5 बच्चों का चयन हुआ था जिस बच्चो का चयन हुआ था उसमें से सभी लगभग कमजोर वर्ग के थे जिन्हें पढ़ाने में जवाहर विद्यालय के शिक्षकों को शुरुआत से ही उनकी पढ़ाई की शुरुआत कराई गई थी अब आगे देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई करती है।