मन से विरक्त ज्ञानी, ध्यानी , संत-महात्मा और आध्यात्मिक पुरुप भी अपना मन भगवान श्रीकृष्ण के मनन में लगाते हैं इससे मन की शुद्धि होती हैं : संत हनुमान दास महराज, वृंदावन वाले ।
जांजगीर चांपा न्यूज़ । नगर के कृष्णा निवास प्रांगण में इन दिनों भक्ति-भाव की भागवत ज्ञान गंगा की धारा बह रही हैं कारण श्रद्धालु भक्तों को वृंदावन धाम से पधारे महान संत हनुमान दासज महाराज के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने का पुण्य लाभ मिल रहा हैं ।
प्रतिदिन यूट्यूब से भी श्रीमद्भागवत कथा का लाइव प्रसारण किया जा रहा हैं भक्त घर बैठे परमानंद का लाभ ले रहे हैं। समाजसेवी गुलजारी लाल मोदी के वार्षिक श्राद्ध निमित्त श्रीमद्भागवत कथा के दौरान रुक्मिणी श्रीकृष्ण विवाह प्रसंग की मनभावन झांकियों का दर्शन श्रद्धालुओं को भक्तिभाव से करने को मिला रहा।
आयोजन को सफल बनाने में विनोद कुमार, जगदीश प्रसाद,संतोष, बिहारी लाल मोदी जुटे हुए हैं।
व्यासपीठ पर विराजमान हनुमान दास ने भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद बाल लीलाओं के साथ धर्म, आध्यात्म, भक्ति, परमात्मा, ज्ञान कर्म आदि के गूढ़ रहस्यों के बातों को बहुत ही सुन्दर सरल ढंग से व्यक्त किया। कथावाचक महराज ने श्रीमद्भागवत कथा के विभिन्न उदाहरणों को अपनी कथा में रस विभोर कर प्रस्तुत कर रहे हैं । भगवान के चरित्र की कथा और उसके परम पावन नामों का संकीर्तन इन्द्रियों को शुद्धि प्रदान करने वाला हैं।मन से विरक्त,संत महात्मा भी समय निकालकर मन की शुद्धि के निमित्त भगवान के नामों का स्मरण और ध्यान करते हैं ।
इस अवसर पर कृष्णा निवास स्थल से श्रीकृष्ण रुक्मिणी मंगल विवाह की बेला को आनंद उल्लास प्रदान करने के लिए भक्तों ने बैड-बाजा की धुन पर डांस नृत्य करते हुए कथा बारात निकाली । जो नगर भ्रमण करते श्रद्धालु भक्तों को विवाह में आमंत्रण देते हुए खाटु श्याम मंदिर,चांपा पहुंची । वहां दर्शन पूजन करते श्याम गुणगान नाचते गाते एक दुसरे को बधाई देते हुए बारात की शक्ल में कथा स्थल की ओर पहुंची । द्धार पर स्वागत-सत्कार के बाद मंगल परिणय किया गया । रुक्मिणी विवाह मंगल प्रसंग शुरू होते ही मंगल गीतों से माहौल गुंजायमान हो झूम उठा। धर्म-कर्म में स्नेह रखने वाले कथा श्रवण कर रहे शशिभूषण सोनी ने बताया कि रुक्मिणी ने ही लक्ष्मी का अवतार धारण की थीं और द्वापर युग में कृष्ण अष्टमी के दिन जन्म ली थीं । रुक्मिणी-कृष्ण के विवाह की पूजा-अर्चना करने का विधान हैं । भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से सुख-समृद्धि मिलती हैं और रुक्मिणी की पूजा से संपत्ति की प्राप्ति होती हैं। शास्त्रों पुराणों में भी यह बात वर्णित हैं आर्थिक संकट दूर करने में रुक्मिणी देवी की पूजा सार्थक मानी गई हैं। कथावाचक हनुमान दास महाराज बहुत ही सुंदर ढंग से कथा सुनाकर कोसा, कांसा और कंचन की नगरी चांपा के लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं ।
रुक्मणी विवाह के मंगल बेला में श्रीमद्भागवत कथा के आयोजक दंपति श्रद्धेय धार्मिक आस्था से परिपूर्ण व्यक्तित्व विनोद कुमार मोदी और उनकी धर्मपत्नी शारदा देवी मोदी को भी आज उनके विवाह वर्षगांठ पर बधाई दी गई, दोनों ने कथा स्थल पर एक दुसरे को वरमाला पहनाया । कथा स्थल विवाह महायज्ञ का पावन ,स्थल बन गया लोग एक बार पुनः नाच गाकर इस पुण्य अवसर के साक्षी बने । श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान गंगा में डुबकी लगाने वालों में प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड ,चांपा के डायरेक्टर अशोक कुमार शर्मा, राकेश बदौरिया , सुनील, किशोर, रामनारायण, शिवकुमार,गुलाब मोदी,अधिवक्ता महावीर प्रसाद, डाक्टर शांति कुमार , शशिभूषण सोनी , विमला, पुष्पा, कौशिल्या,गीता, मोहनी मोदी, इंदू अग्रवाल,पिताम्बर अग्रवाल, पूर्व नपाध्यक्ष प्रदीप नामदेव, अन्नपूर्णा देवी, दुर्गा , संतोषी, शशिप्रभा सोनी , नीलमणि गौरहा , कार्तिकेश्वर स्वर्णकार,अरविंद तिवारी , कान्हा तिवारी, रितेश गुप्ता,संतोष सराफ आदि प्रमुख प्रबुद्ध जनों ने यह भागवत कथा वेदव्यास व्दारा रचित सत्रह पुराणों की रचना के बाद आत्मसंतुष्टि के लिए देवर्षि नारद के कहने पर किए लिपिबद्ध का श्रवण कर हनुमान दास महाराज से आशिर्वाद प्राप्त किया ।