सरगुजा:- लोगों की जान बचाने का दावा करने वाले अस्पताल व नर्सिंग होम ही मरीजों और उनके परिजनों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. इस बात का खुलासा पड़ताल में हुआ है. फायर एंड सेफ्टी विभाग के नियमों का पालन शहर के ज्यादातर अस्पताल नहीं कर रहे हैं. शहर के 48 नर्सिंग होम व अस्पतालों में से सिर्फ 10 में ही संतोषजनक स्थिति मिली है. बाकी के सभी 37 संस्थानों में फायर सेफ्टी के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.
गर्मी का मौसम आ चुका है. बीते सालों में देखा गया है कि ज्यादातर गर्मी के कारण बिजली का लोड बढ़ता है. शॉर्ट सर्किट से आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती है. आगजनी की घटना होने पर आग बुझाने और लोगों की जान बचाने आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत अग्नि शमन दल काम करता है. लेकिन सरगुजा के अस्पतालों में ये देखने को मिला है कि लापरवाह अस्पताल संचालक शासन के नियमों का पालन ना करके दुर्घटना की स्थिति को दावत दे रहे हैं.
जिला अस्पताल में फायर सेफ्टी की हालत खराब: अंजनी तिवारी ने बताया कि इस जांच में एक अस्पताल में कार्य प्रगति पर मिला. 10 में फायर सेफ्टी के नियम संतोष जनक मिले बाकी के सभी 37 संस्थानों में गड़बड़ी देखने को मिली. किसी के पास एनओसी नहीं है, कहीं सीढ़ी सकरी है, कहीं फायर एग्जिट नहीं है तो कहीं गैस एक्सपायर थी, कहीं बिल्डिंग ही सकरी गली में है, जहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं पहुंच सकती है. जांच के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है.
जिला अस्पताल में अग्निशमक यंत्रों की संख्या जरूर बढ़ाई गई लेकिन संतोष जनक स्थिति नहीं है. कई कमिया हैं. अस्पताल को बढ़ाया जा रहा है उस हिसाब से अग्निशमक यंत्र नहीं है- अंजनी तिवारी, स्टेशन प्रभारी, फायर एंड सेफ्टी विभाग
स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ पुष्पेन्द्र राम ने बताया कि नर्सिंग होम एक्ट शाखा की बैठक में इस दिशा में निर्देश जारी किये हैं. क्योंकि गर्मी आ चुकी है और इलेक्ट्रिकसिटी का लोड बढ़ने से शॉर्ट सर्किट से आगजनी हो सकती है. सभी को तुरंत व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए है. निर्देश देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी.
आपातकालीन सेवा से मामला जुड़ा होने के कारण यदि निर्देश देने के बाद भी लापरवाही मिलती है तो इसमें कड़ी कार्रवाई की जाएगी- डॉ पुष्पेन्द्र राम, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, स्वास्थ्य विभाग
अग्नि शमन विभाग ने जांच के बाद जो रिपोर्ट तैयार किया है उसकी लिस्ट लंबी है. क्योंकि उसमे जिले के सभी 48 संस्थानों की सूची है लेकिन इस रिपोर्ट में बड़ी बात ये है कि निजी अस्पताल के अलावा कुछ छोटे सरकारी अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज अस्पताल तक में फायर सेफ्टी के पालन में कमियां मिली है. अब देखना यह होगा की ये लापरवाह लोग समय रहते व्यवस्था में सुधार कर लेते हैं या फिर किसी दुर्घटना की इंतजार कर रहे हैं.