राज्य शासन ने भले ही किराना सामग्री घर-घर पहुंचाने सिस्टम बनाने फरमान जारी किया है लेकिन छोटे किराना व्यापारियों काे अब स्टॉक की तंगी संकट पैदा करते दिख रही है। छोटे दुकानदारों के पास मौजूदा स्थिति में सिर्फ 4 से 5 दिनों का ही स्टाक रह गया है। लाॅकडाउन की लंबी अवधि में जनता की भूख मिटाने इतने राशन की भरपाई बिना थोक बाजार खुले संभव नहीं है। लाॅक डाउन राज्य शासन ने भले ही किराना सामग्री घर-घर पहुंचाने सिस्टम बनाने फरमान जारी किया है लेकिन छोटे किराना व्यापारियों काे अब स्टॉक की तंगी संकट पैदा करते दिख रही है। छोटे दुकानदारों के पास मौजूदा स्थिति में सिर्फ 4 से 5 दिनों का ही स्टाक रह गया है। लाॅकडाउन की लंबी अवधि में जनता की भूख मिटाने इतने राशन की भरपाई बिना थोक बाजार खुले संभव नहीं है। ऐसे में छोटे कारोबारी भी बचे हुए स्टॉक में कीमतें बढ़ाने प्रयास में जुटे हुए हैं। छोटे कारोबारियों का कहना है कि अगर फोन पर सामान के लिए आर्डर लेकर उसे घर-घर पहुंचाएंगे तो उसके लिए ट्रांसपोर्टिंग का भाड़ा बढ़ेगा। लोगों की तरफ से जितने सामानों की डिमांड होगी उसकी आपूर्ति भी मुश्किल से कर सकेंगे