नई दिल्ली – भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से जुड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिकी रेसीप्रोकल टैरिफ की घरेलू डिमांड आकर्षण का केंद्र है। साथ ही उन्होंने कहा है कि इंडियन इकोनॉमी और लोकल डिमांड की मजबूती भारत को ग्रोथ का इंजन बनाए रखेगी।
सीतारमण ने लंदन में भारतीय हाई कमीशन में ‘2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के भारत के प्रयास के लिए अवसर और चुनौतियां’ विषय पर एक संवाद में कहा कि भारतीय इकोनॉमी ग्लोबल चुनौतियों से निपट रही है और घरेलू दक्षता तथा प्रतिस्पर्धी क्षमता का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है। उन्होंने कहा है कि दुनिया ने पिछले कई सालों से बढ़त में नरमी देखी है। पहले, लंबे समय तक कम ब्याज की स्थिति थी और अब यह लंबे समय तक कम बढ़त की स्थिति होने जा रही है और यह किसी के लिए भी खुशखबरी नहीं है।
सीतारमण ने कहा है कि भारत ने पिछले 5 साल से लगातार अपनी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दर्जा बरकरार रखा है और हमें लगता है कि यह रफ्तार थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन फिर भी भारत ही उस बढ़त को बनाए रखेगा, क्योंकि हमारी बढ़त घरेलू स्तर पर मौजूद खपत के कारण संतुलित है। यह ग्लोबल मानक वाले उत्पादों की मांग द्वारा समर्थित है और यही कारण है कि 1990 के दशक से ग्लोबलाइजेशन ने भारत को कई अवसर दिये हैं।
उन्होंने कहा है कि अमेरिका, भारत का प्रमुख व्यापार भागीदार है। इसलिए, ऐसे समय में जब ट्रेड टैरिफ से व्यापार प्रभावित होने जा रहा है, हमें अभी भी यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत में घरेलू डिमांड में जो ताकत है, वह ग्लोबल सप्लाई को आकर्षित करने वाले एक बड़े केंद्र के रूप में बनी रहे और उसे बढ़ावा मिले।”
वित्त मंत्री ने कहा कि इस डिमांड की ताकत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई और इंटरनेशनल मैन्युफैक्चरिंग के लिए आकर्षक साबित होगी, जो घरेलू बाजार के लिए सप्लाई करेगी और भारत से एक्सपोर्ट भी करेगी। उन्होंने कहा है कि हमें लगता है कि भारत और कुछ उभरते बाजार बढ़त के इंजन बनने जा रहे हैं। ग्लोबल ग्रोथ में जो सुस्ती है, उसमें अगर तेजी आती है, तो वह इन इंजन की वजह से ही होगी।