नई दिल्ली।भारत ने अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड को चार विकेट से हरा दिया और पांचवीं बार खिताब अपने नाम किया। इससे पहले टीम इंडिया 2000, 2008, 2012 और 2018 में विश्व कप जीत चुकी है। वहीं, 2006, 2016 और 2020 में भारतीय टीम को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम 44.5 ओवर में 189 रन पर ऑलआउट हो गई।
जेम्स रियू ने सबसे ज्यादा 95 रन बनाए। वहीं, भारत की ओर से राज बावा ने पांच और रवि कुमार ने चार विकेट झटके। जवाब में भारत ने 47.4 ओवर में छह विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत की ओर से निशांत सिंधू 50 रन बनाकर नाबाद रहे। वहीं, शेख रशीद ने भी 50 रन की पारी खेली। दिनेश बाना ने 48वें ओवर में लगातार दो छक्के लगाकर टीम इंडिया को जीत दिलाई।
भारतीय टीम रिकॉर्ड आठवीं बार फाइनल में पहुंची थी। अंडर-19 में कोई भी टीम इतनी बार विश्व कप के फाइनल में नहीं पहुंच पाई। वहीं, यह टीम इंडिया का रिकॉर्ड लगातार चौथा फाइनल मैच भी था। भारतीय टीम के नाम सबसे ज्यादा पांच विश्व कप जीतने का रिकॉर्ड भी है। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने तीन बार यह खिताब जीता है। भारतीय टीम इस साल विश्व कप में शानदार फॉर्म में थी। टीम ने टूर्नामेंट में ग्रुप स्टेज से लेकर अब तक अपने सभी मैच जीते।
मैच की बात करें तो पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम की शुरुआत खराब रही। इंग्लैंड टीम के छह बल्लेबाज तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके। कप्तान टॉम प्रेस्ट, जॉर्ज बेल और थॉमस एस्पिनवाल समेत तीन बल्लेबाज शून्य पर आउट हुए। 61 रन तक टीम ने सात विकेट गंवा दिए थे। जॉर्ज थॉमस 27 रन, जैकब बेथेल दो रन, विलियम लक्स्टन चार रन और रेहान अहमद 10 रन ही बना सके।
इसके बाद होर्टन और जेम्स रियू ने 30 रन की साझेदारी की। होर्टन 10 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद रियू ने जेम्स सेल्स के साथ मिलकर पारी संभाली। दोनों ने आठवें विकेट के लिए 93 रन की साझेदारी कर इंग्लैंड के स्कोर को 150 रन के पार पहुंचाया। रियू 95 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद रवि कुमार ने एस्पिनवाल और राज बावा ने बॉयडेन को पवेलियन भेज इंग्लैंड की पारी को 189 रन पर समेट दिया। सेल्स 34 रन बनाकर नाबाद रहे
190 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को शून्य पर ही पहला झटका लगा। जोशुआ बॉयडेन ने पहले ओवर की दूसरी गेंद पर अंगकृष रघुवंशी को शून्य पर एलेक्स होर्टन के हाथों कैच कराया। इसके बाद उपकप्तान शेख रशीद ने हरनूर सिंह के साथ दूसरे विकेट के लिए 49 रन की साझेदारी निभाई। हरनूर 21 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद टीम इंडिया को अपने कप्तान यश धुल और उपकप्तान शेख रशीद से उम्मीदें थीं। दोनों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार पारी खेली थी।
इसी बीच रशीद ने टूर्नामेंट में लगातार दूसरा अर्धशतक लगाया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने 94 रन की पारी खेली थी। रशीद की यह फिफ्टी 83 गेंदों पर आई। हालांकि, अर्धशतक लगाने के बाद अगली ही गेंद पर रशीद पवेलियन लौट गए। उन्होंने 84 गेंदों की अपनी पारी में छह चौके लगाए। रशीद ने कप्तान धुल के साथ 57 गेंदों पर 46 रन की साझेदारी की। रशीद के आउट होते ही कप्तान धुल भी आउट हो गए। वह 32 गेंदों पर 17 रन बना सके। कप्तान और उपकप्तान दोनों को जेम्स सेल्स ने पवेलियन भेजा।
97 रन पर भारत के चार विकेट गिर गए थे। इसके बाद राज बावा और निशांत सिंधू ने 88 गेंदों पर 67 रन की साझेदारी निभाई और भारत को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। बावा 54 गेंदों पर 35 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद कौशल तांबे एक रन बनाकर आउट हुए। उन्हें एस्पिनवाल ने रेहान अहमद के हाथों कैच कराया। इसके बाद सिंधू ने फिफ्टी लगाई और दिनेश बाना के साथ मिलकर टीम इंडिया को चैंपियन बनाया।