मुंबई:- शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को सामने लाने के लिए विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के केंद्र सरकार के कदम का इंडिया ब्लॉक को बहिष्कार करना चाहिए था.
मीडिया से बात करते हुए राउत ने दावा किया कि प्रतिनिधिमंडल सरकार द्वारा किए गए पापों और अपराधों का बचाव करेगा. उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा फंडेड इस तरह के प्रतिनिधिमंडल को भेजने की कोई आवश्यकता नहीं थी. वे क्या करेंगे? विदेश में हमारे राजदूत हैं. वे अपना काम कर रहे हैं. इंडिया ब्लॉक को इसका बहिष्कार करना चाहिए था. वे सरकार के बिछाए जाल में फंस रहे हैं. आप देश का नहीं, बल्कि सरकार के किए गए पापों और अपराधों का बचाव करने जा रहे हैं.”
श्रीकांत शिंदे को नामित करने पर आलोचना
उनकी टिप्पणियों से यह भी संकेत मिलता है कि इंडिया ब्लॉक में शामिल पार्टियां इस मुद्दे पर एकमत नहीं थीं. राउत ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को नामित करने के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि लोकसभा में संख्याबल के कारण उनकी पार्टी को भी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए था. राउत ने सवाल किया, “क्या किसी ने शिवसेना, टीएमसी, आरजेडी से पूछा? आप किस आधार पर कह रहे हैं कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जा रहा है.