नई दिल्ली:- भारत निर्वाचन आयोग ने हाल के महीनों में चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने और नागरिकों को बेहतर सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं. मुख्य रूप से, आयोग ने समान चुनाव फोटो पहचान पत्र नंबरों के मुद्दे को हल करना, देश भर में बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को मानक पहचान पत्र जारी करना, मतदान केंद्र पर मतदाताओं के लिए मोबाइल जमा सुविधा प्रदान करना, और प्रचार के मानदंडों को युक्तिसंगत बनाना जैसे कदम उठाए हैं.
पिछले तीन महीनों में, आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में व्यापक बदलाव लाने के लिए 20 से अधिक पहलें की, जिनका उद्देश्य जनता को लाभ पहुंचाकर जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है. यह उल्लेखनीय है कि आयोग ने यह सक्रियता बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों और 2026 में असम, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी जैसे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले दिखाई है.
जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “ये सभी 20 पहलें नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यभार संभालने के लगभग 90 दिनों के भीतर की गई हैं. हमारी मुख्य प्राथमिकता जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को और मजबूत करना है और मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करके उनकी समस्याओं को कम करना है.”
वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि इन सभी पहलों का उद्देश्य सभी हितधारकों और जनता की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाना है. मतदान केंद्र के बाहर मतदाताओं के लिए मोबाइल जमा सुविधा और प्रचार के लिए मानदंडों को युक्तिसंगत बनाने का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि ये पहलें मतदान के दिन मतदाताओं को होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए की गई हैं. चुनाव आयोग ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) के मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEOs) को पत्र लिखकर सभी जिला चुनाव अधिकारियों (DEOs), BLO और अन्य संबंधित अधिकारियों को इसकी नवीनतम दो पहलों के बारे में सूचित करने के लिए कहा है.
समान EPIC नंबरों का मुद्दा: एक प्राथमिकता
समान EPIC नंबरों के मुद्दे का हवाला देते हुए, वरिष्ठ ECI अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे को प्राथमिकता दी गई और वास्तविक मतदाताओं को “गलती से” जारी किए गए समान EPIC नंबरों के लगभग 20 साल पुराने इस विरासत के मुद्दे को हल किया गया. कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने EPIC नंबरों में दोहराव का मुद्दा उठाया था, जिसे चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया.
नागरिकों के लिए बेहतर सुविधाएं: मुख्य प्राथमिकता
मतदाताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए की गई पहलों के बारे में विस्तार से बताते हुए, वरिष्ठ चुनाव पैनल अधिकारी ने कहा कि एक मतदान केंद्र पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित कर दी गई है. साथ ही, ऊंची इमारतों और कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे ताकि मतदाताओं को सुविधा हो. मतदाता सूचना पर्चियों को और अधिक मतदाता अनुकूल बनाया जाएगा. मतदाता का सीरियल नंबर और पार्ट नंबर अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे मतदाताओं को आसानी से अपनी जानकारी ढूंढने में मदद मिलेगी.
चुनाव पदाधिकारियों का प्रशिक्षण: क्षमता निर्माण पर जोर
चुनाव पदाधिकारियों के लिए, वरिष्ठ ECI अधिकारी ने कहा, “IIDEM, नई दिल्ली में क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. 3,000 से अधिक बूथ स्तरीय पर्यवेक्षकों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है. अगले कुछ वर्षों में एक लाख से अधिक BLO पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा.” इससे चुनाव प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों की दक्षता बढ़ेगी और त्रुटियों की संभावना कम होगी.
राजनीतिक दलों के साथ सहयोग: पारदर्शिता और समावेशिता
अन्य पहलों के अलावा, वरिष्ठ चुनाव पैनल अधिकारी ने कहा, “CEO/DEO/ERO स्तर पर अखिल भारतीय सर्वदलीय बैठकें आयोजित की जा रही हैं. अब तक कुल 4,719 बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों में राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया.” ECI के शीर्ष अधिकारियों ने अब तक भाजपा, आप, सीपीआई (एम), बीएसपी और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठकें की हैं और अपने सुझाव और चिंताएं सीधे उनके साथ साझा की हैं. यह राजनीतिक दलों के साथ संवाद बनाए रखने और उनकी चिंताओं को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
ईसीआई द्वारा की गई पहलों पर मतदाताओं की राय
दिल्ली के तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र के स्नातक छात्र अक्ष मल्होत्रा कहा, “बेहतरी के लिए की गई किसी भी पहल का स्वागत किया जाना चाहिए। एक मतदाता के रूप में, मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए ईसीआई द्वारा विभिन्न पहल की गई हैं.” इस साल की शुरुआत में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के अपने अनुभव को याद करते हुए उन्होंने कहा, मैं मतदान के लिए जाते समय अपना मोबाइल साथ नहीं लाया था. लेकिन अब मतदान केंद्रों पर मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा के साथ मतदाता अपना फोन साथ ले जा सकते हैं. यह एक बहुत अच्छी पहल है.
इसी तरह की भावनाओं को दोहराते हुए राहुल कोहली ने ईटीवी भारत से कहा, मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए. मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा प्रदान करना इस दिशा में एक कदम है.