रायपुर:- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, उन्होंने कोई रिसर्च किया होगा, उनसे पूछना होगा कि किस रिसर्च के फलस्वरूप ये जानकारी उन्हें मिली है. हम यही जानते हैं कि चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गीता में भगवान ने कहा है. वे किस आधार पर ये कह रहे हैं उनकी बात जानने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है.
बता दें कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया था. मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था, हमारी समाज के प्रति भी ज़िम्मेदारी है. जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया? भगवान ने हमेशा बोला है कि, मेरे लिए सभी एक हैं, उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था. भागवत ने कहा कि, हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया.