नई दिल्ली:– साने ताकाइची ने मंगलवार को जापान की राजनीति में इतिहास रच दिया। साने ताकाइची जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। इस जीत के बाद, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी और साझेदारी मजबूत करने पर जोर दिया है।
जापान को मंगलवार को उसकी पहली महिला प्रधानमंत्री साने ताकाइची के रूप में मिल गई हैं। जापान की संसद में हुए एक महत्वपूर्ण चुनाव के बाद उन्हें प्रधानमंत्री चुना गया।
यह चुनाव पुनः मतदान (re-vote) के जरिए संपन्न हुआ, जिसमें ताकाइची ने जीत हासिल की। यह क्षण जापान के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है, क्योंकि देश के सर्वोच्च पद पर पहली बार कोई महिला आसीन हुई है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साने ताकाइची को उनकी इस ऐतिहासिक जीत पर तुरंत बधाई दी। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए उन्हें जीत की हार्दिक बधाई देते हुए कहा, “साने ताकाइची, जापान की प्रधानमंत्री चुने जाने पर आपको हार्दिक बधाई।
पीएम ने लिखा कि मैं भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं। हमारे गहरे होते संबंध हिंद-प्रशांत और उसके बाहर शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं”। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वह दोनों देशों के बीच इस खास रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।
संसदीय चुनाव और ताकाइची की जीत
साने ताकाइची को प्रधानमंत्री चुनने के लिए जापान की संसद के दोनों सदनों- उच्च सदन और निचला सदन में मतदान हुआ। दोनों सदनों ने उन्हें बहुमत के साथ देश का प्रधानमंत्री चुना। उच्च सदन में ताकाइची को कुल 125 वोट मिले, जो जरूरी बहुमत से केवल एक वोट अधिक था। वहीं, निचले सदन में उन्हें 237 वोट प्राप्त हुए, जो आवश्यक बहुमत से अधिक थे।
इससे पहले, ताकाइची ने शनिवार को लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की नेता के रूप में चुनाव जीता था। उन्हें एलडीपी का नेता चुने जाने के लिए 185 वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शिंजीरो को 156 वोट प्राप्त हुए थे। यह चुनाव काफी प्रतिस्पर्धी रहा था, क्योंकि पहले राउंड में किसी भी उम्मीदवार को जरूरी बहुमत हासिल नहीं हो पाया था।
अब प्रधानमंत्री बनने के बाद, साने ताकाइची को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के शेष बचे कार्यकाल को पूरा करना होगा, जो सितंबर 2027 तक चलेगा।
ताकाइची का राजनीतिक सफर
साने ताकाइची का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। राजनीति में आने से पहले वह एक टीवी एंकर थीं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1993 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जापान की निचली संसद की सदस्य बनकर की। तब से वह लगातार सक्रिय राजनीति में बनी हुई हैं और अपने गृह क्षेत्र नारा का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
साल 1996 में, उन्होंने जापान की सत्ताधारी पार्टी, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) में शामिल होकर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की। कैबिनेट में उनका पहला प्रवेश पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के नेतृत्व में हुआ था। इस दौरान, उन्होंने ओकिनावा और उत्तरी क्षेत्रों के मामलों की मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी।
इसके अलावा, वह एलडीपी की नीति अनुसंधान परिषद की पहली महिला अध्यक्ष भी बनीं, जो उनके प्रभावशाली नेतृत्व कौशल का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है। ताकाइची 2022 से 2024 तक जापान की आर्थिक सुरक्षा मंत्री भी रहीं। उन्हें आंतरिक मामलों की मंत्री के तौर पर सबसे लंबे समय तक काम करने का अनुभव भी प्राप्त है।
पूर्व न्याय मंत्री मिडोरी मात्सुशिमा, जो ताकाइची के समर्थन में पार्टी के 20 सांसदों में से एक हैं, ने इस ऐतिहासिक जीत पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि जापान को पहली महिला प्रधानमंत्री मिल रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ताकाइची का यह उत्थान उन युवतियों और उन लोगों के लिए प्रेरणा बनेगा जो राजनीतिक परिवार से नहीं आते और जिनका राजनीति से पहले कोई सीधा वास्ता नहीं रहा है।
सामने हैं आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियां
साने ताकाइची ऐसे समय में प्रधानमंत्री बनी हैं जब जापान कई महत्वपूर्ण चुनौतियों से जूझ रहा है। देश इस समय आर्थिक मंदी, लगातार बढ़ती महंगाई और जापानी मुद्रा येन के मूल्य में गिरावट जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। इन चुनौतियों ने आम जनता पर भारी दबाव बनाया है।
इसके अतिरिक्त, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) को हालिया चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है, जिसने पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए थे। ऐसे मुश्किल समय में, ताकाइची और एलडीपी के सामने एक बड़ी जिम्मेदारी है।
उन्हें पार्टी को एकजुट रखना होगा, कुशलता से अल्पसंख्यक सरकार का संचालन करना होगा, और जनता को यह विश्वास दिलाना होगा कि वे स्थिर और प्रभावी शासन प्रदान कर सकते हैं।