सीआईआई द्वारा आयोजित ग्रीन स्टील एंड माइनिंग समिट 2025 के दौरान जिंदल स्टील एंड पावर (JSP) ने अपनी भावी रणनीति और तकनीकी पहलों को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं। समूह के कार्यकारी निदेशक सब्यसाची बंदोपाध्याय ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए बताया कि कंपनी ग्रीन स्टील के क्षेत्र में तकनीकी नवाचार, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने बताया कि जिंदल समूह ने अब तक स्टील उत्पादन में स्क्रैप आधारित निर्माण, ई-फर्नेस, और कम कार्बन उत्सर्जन तकनीकों को अपनाया है। जल संरक्षण के लिए क्लोज्ड लूप सिस्टम और ऊर्जा दक्षता के लिए स्मार्ट एनर्जी मैनेजमेंट जैसे उपाय किए गए हैं। कंपनी आने वाले समय में ग्रीन हाइड्रोजन और कार्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी को भी अपनाने की योजना बना रही है।

बंदोपाध्याय ने बताया कि इन पहलों के चलते स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और समूह ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास केंद्र भी शुरू करेगा।
पर्यावरणीय जिम्मेदारी को लेकर जिंदल समूह ने वर्ष 2045 तक ‘नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन’ का लक्ष्य रखा है। इसके लिए थर्ड पार्टी निगरानी और इन-हाउस ESG प्रणाली से प्रगति की समीक्षा की जा रही है। जल और भूमि उपयोग पर नियंत्रण के लिए रिसाइकलिंग प्लांट और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम लगाए गए हैं।

समूह ने अपने CSR के तहत कई आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में सौर ऊर्जा परियोजनाएं, स्वास्थ्य शिविर, और शिक्षा कार्यक्रम शुरू किए हैं। रायगढ़, तमनार और सरायपाली जैसे इलाकों में इन योजनाओं से स्थानीय समुदायों को सीधा लाभ मिला है।
छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024–30 को समूह ने उद्योग अनुकूल बताया है। उन्हें टैक्स छूट, सिंगल विंडो अनुमति और लॉजिस्टिक सहायता जैसे लाभ मिल रहे हैं। समूह ने सरकार से इंफ्रास्ट्रक्चर और भूमि अधिग्रहण में और सहयोग की उम्मीद जताई है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिंदल समूह ग्रीन स्टील के निर्यात को लेकर भी सक्रिय है। यूरोपीय और मध्य-पूर्वी देशों में इसकी मांग बढ़ रही है और कंपनी इन बाजारों में निर्यात विस्तार की रणनीति पर काम कर रही है।