नई दिल्ली:– जहां आज बंगाल विधानसभा में दुष्कर्म के दोषियों को मृत्युदंड के प्रावधान संबंधी नया एंटी बिल पेश किया जा सकता है। जिसे CM ममता बनर्जी की टिप्पणी के बाद राज्य कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। वहीं, जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील ठुकराते हुए आंदोलन वापस लेने से साफ इन्कार कर दिया है। इसके साथ ही लालबाजार इलाके में जूनियर डॉक्टरों का धरना जारी है। वो आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
जानकारी दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने हीते सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था, जिसमें आज बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड के प्रावधान संबंधी एक विधेयक पेश कर उसे पारित किया जा सकता है। इस विधेयक को ममता बनर्जी की सरकार को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है। यह बिल पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र में आज पारित किया जा सकता है और बाद में मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जा सकता है।
इस मुद्दे पर भी भारी विवाद दिख रहा है और राजनीति भी शुरू हो गई है। मामले पर पश्चिम बंगाल में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना था कि राज्य सरकार के पास राज्यवार मृत्युदंड पर इस तरह का कानून लाने का कोई प्रावधान नहीं है। यह केवल लोकसभा और राज्यसभा के माध्यम से ही पारित किया जा सकता है, जिसे फिर से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द भी किया जा सकता है, ममता बनर्जी जो कुछ भी कर रही हैं वह सिर्फ राजनीति के लिए ही है।
उधर पश्चिम बंगाल में CBI ने बीते सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ। संदीप घोष और तीन अन्य को संस्थान में ‘‘वित्तीय अनियमितता” में कथित संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए तीन अन्य लोगों में घोष का सुरक्षाकर्मी अफसर अली 44 और अस्पताल के विक्रेता बिप्लव सिंघा 52 और सुमन हजारा 46 शामिल हैं, जो अस्पताल को सामग्री की आपूर्ति किया करते थे। घोष की गिरफ्तारी के एक घंटे के भीतर ही CBI ने तीन और गिरफ्तारियां की हैं। इसके पहले प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में घोष से CBI के साल्ट लेक कार्यालय में 15वें दिन भी पूछताछ की गई।