मध्यप्रदेश:- आखिरकार कैलाश विजयवर्गीय ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे ही दिया. उन्होंने अपना ये इस्तीफा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर दिया. कैलाश विजयवर्गीय का यह इस्तीफा बीजेपी के अंदर एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत के अनुरुप लिया गया है. कैलाश विजयवर्गीय ने इस्तीफा देने के दौरान जेपी नड्डा का आभार जताया और उनकी टीम में रहकर बहुत कुछ सीखने की बात कही.
आपको बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय को बीजेपी ने इंदौर 1 सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया था और वे चुनाव जीते और अब मध्यप्रदेश की नई मोहन यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. ऐसे में उनको कैबिनेट मंत्री या फिर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पद में से कोई एक पद छोड़ना था. ऐसे में उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है.
ये काफी दिनों से चर्चा में था कि कैलाश विजयवर्गीय को अब संगठन की जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाएगा और अब वे मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे. मध्यप्रदेश में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद से चर्चा तेज हो गई थी कि कैलाश विजयवर्गीय जल्द ही राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे देंगे और गुरुवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
बीजेपी में एक पद पर एक की व्यक्ति रह सकता है
बीजेपी के अंदर एक नियम है कि कोई भी व्यक्ति एक बार में एक पद पर ही रह सकता है. कैलाश विजयवर्गीय के पास राष्ट्रीय महासचिव का पद पहले से था. वे लंबे समय तक इस पद पर रहते हुए बीजेपी के लिए बंगाल और दूसरे राज्यों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे थे.
बंगाल में बीजेपी को खड़ा करने में उन्होंने काफी काम किया. हालांकि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अपेक्षित सफलताएं नहीं मिल सकीं थी. लेकिन फिर भी तृणमूल कांग्रेस को काफी परेशानियां कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी रणनीतियों के जरिए दी. पश्चिम बंगाल के बाद से वे काफी समय से बड़ी जिम्मेदारी के इंतजार में थे और उनका इंतजार खत्म हुआ मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में. जहां वे चुनाव लड़े, जीते और अब मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री बने हैं.
