काशी : काशी विश्वनाथ धाम के दो वर्ष पूरे हो गए हैं। इन दो वर्षों में 25 हजार करोड़ का कारोबार हुआ है। होटल, गेस्ट हाउस और खानपान उद्योग में जबरदस्त बूम आया है। शहर की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त उछाल आया है।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण के दो साल पूर हो गए। इन वर्षों में शहर की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त उछाल आया। 13 करोड़ से अधिक देसी और विदेशी श्रद्धालुओं की आवाजाही से होटल, गेस्ट हाउस, खानपान उद्योग के साथ ही ट्रांसपोर्टेशन का कारोबार खूब बढ़ा।
डीएवी पीजी कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के प्रो. अनूप मिश्रा के मुताबिक दो वर्षों में 40 हजार करोड़ रुपये काशी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए गए हैं। करीब 16 करोड़ पर्यटक और श्रद्धालुओं के आगमन से कारोबार का ग्राफ शिखर पर पहुंच गया।
कह सकते हैं कि दस गुना कारोबार बढ़ा है। बनारसी साड़ी, बनारसी वस्त्र समेत जीआई उत्पादों को वैश्विक बाजार मिला है। हस्तशिल्पियों के माल की खपत विदेशों तक बढ़ी है। कुल मिलाकर दो वर्षों में 25 हजार करोड़ का कारोबार हुआ है।
टोडरमल, रंजीत सिंह और अहिल्याबाई के बाद बाबा से जुड़ा पीएम मोदी का नाम
दुनिया भर के सनातनधर्मियों के आकर्षण का केंद्र बन चुके काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण की कहानी भी अनोखी है। 463 वर्षों के बाद बाबा विश्वनाथ के धाम ने मूर्त रूप लिया। बाबा विश्वनाथ के मंदिर के पुनरुद्धार, निर्माण और कायाकल्प में महाराणा रणजीत सिंह, टोडरमल और अहिल्याबाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना ने मूर्त रूप लिया, जो आज श्री काशी विश्वनाथ धाम के रूप में दुनिया के सामने है।
मिथकों को किया ध्वस्त, मिल रही श्रद्धालुओं को सुविधाएं
आजादी के सात दशक बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण ने कई मिथकों को ध्वस्त किया है। श्रद्धालुओं को धाम तक पहुंचने के लिए तंग गलियों से राहत मिली तो वहीं गंगा द्वार से स्नान करके श्रद्धालु सीधे बाबा के धाम में प्रवेश कर सकते हैं। धाम क्षेत्र में गेस्ट हाउस, मुमुक्षु भवन, म्यूजियम, सिक्योरिटी हाॅल व पुस्तकालय का भी निर्माण किया गया है। 54 हजार वर्गमीटर में विकसित काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश करने के बाद श्रद्धालुओं को सारी सुविधाएं मिल रही हैं। स्नान से लेकर दर्शन के बाद तक की सारी सुविधाएं श्रद्धालुओं को धाम में ही मिल रही हैं।
यात्री सुविधा केंद्र पर अलग-अलग भाषा में मिल रही जानकारी
देश भर से बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने आ रहे शिवभक्तों की भाषाई समस्या का समाधान भी धाम में हो रहा है। यात्री सुविधा केंद्र के जरिये श्रद्धालुओं को उनकी भाषा में जानकारी दी जा रही है। जगह-जगह लगाए गए साइनेज बोर्ड भी हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही तमिल व तेलुगू में जानकारियां दे रहे हैं।
बेहद खास है बाबा विश्वनाथ की पांच प्रहर की आरती
जगाय हारी भोले बाबा ना जागे, गंगा जगावें, यमुना जगावें, त्रिवेणी जगावें लहर मारी, भोले बाबा ना जागे जगाय हारी… की मधुर तान पर विश्व के नाथ जब नींद से जागते हैं तो सबसे पहला भोग दूध का लगाया जाता है। मंगला आरती के साथ काशी के दिन की शुरुआत होती है। इसके साथ ही शिव की नगरी उनके रंग में रंग जाती है। मंगला आरती से शुरू हुआ सिलसिला शयन आरती पर विश्राम लेता है।
दो साल में 16 करोड़ पर्यटक-श्रद्धालु आए
काशी विश्वनाथ धाम का आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है। बीते दो वर्षों में 16 करोड़ पर्यटक और श्रद्धालु बाबा के धाम में मत्था टेकने पहुंचे हैं। उपनिदेशक पर्यटन राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि पर्यटकों की संख्या के मामले में काशी ने तमिलनाडु और गोवा को पीछे छोड़ दिया है।
यात्री सुविधा केंद्र पर अलग-अलग भाषा में मिल रही जानकारी
देश भर से बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने आ रहे शिवभक्तों की भाषाई समस्या का समाधान भी धाम में हो रहा है। यात्री सुविधा केंद्र के जरिये श्रद्धालुओं को उनकी भाषा में जानकारी दी जा रही है। जगह-जगह लगाए गए साइनेज बोर्ड भी हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही तमिल व तेलुगू में जानकारियां दे रहे हैं।