रायपुर:– अगर आप भी पर्सनल लोन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो पहले ही कुछ जरूरी बातों पर गौर कर लें. यहां हम बता रहे हैं 5 महत्वपूर्ण पॉइंट्स, जिन पर ध्यान देने से आप गलत निर्णय लेने से बच सकते हैं.
लोन लेने से पहले यह जांचना बहुत जरूरी है कि जिस बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन से आप लोन ले रहे हैं, वह ब्याज दर के मामले में सही विकल्प है या नहीं. विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें – कई बार लोन में प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज, लेट पेमेंट पेनल्टी जैसे हिडन चार्जेज होते हैं, जिनकी जानकारी ग्राहकों को पहले नहीं दी जाती. इसके लिए पहले से उसी लेंडर से लोन ले चुके ग्राहकों की रिव्यू और अनुभव जरूर पढ़ें.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के बढ़ने के कारण अब कई नए ऋणदाता मार्केट में आ गए हैं. हमेशा विश्वसनीय और प्रतिष्ठित लेंडर का चुनाव करें. नए या अज्ञात ऋणदाता से लोन लेने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह RBI द्वारा मान्यता प्राप्त है. बिना जांच-पड़ताल के अज्ञात लेंडर से लोन लेना धोखाधड़ी का कारण बन सकता है.
कस्टमर रिव्यू जरूर देखें
जैसे आप ऑनलाइन सामान खरीदने से पहले रिव्यू पढ़ते हैं, वैसे ही लोन लेने से पहले भी ग्राहकों की प्रतिक्रिया देखना जरूरी है. जिस बैंक या ऐप से आप लोन लेने जा रहे हैं, वहां पहले से लोन ले चुके ग्राहकों के अनुभव जानें. इससे आपको लेंडर की सर्विस क्वालिटी, चार्जेज और व्यवहार के बारे में सही जानकारी मिलेगी.
लोन पात्रता और कर्ज बोझ समझें
बार-बार छोटे-छोटे खर्चों के लिए पर्सनल लोन लेना आपकी क्रेडिट प्रोफाइल को नुकसान पहुंचा सकता है. ज्यादा लोन लेने से आपकी Eligibility कम हो जाती है. कर्ज का बोझ बढ़ने से EMI चुकाना मुश्किल हो सकता है, जिससे आपकी बचत प्रभावित होगी. यदि आप EMI समय पर नहीं चुका पाए, तो इसका असर सीधे क्रेडिट स्कोर पर पड़ेगा.
लोन की अवधि
सोच-समझकर तय करें
पर्सनल लोन की अवधि न तो बहुत लंबी होनी चाहिए और न ही बहुत छोटी. EMI ऐसी होनी चाहिए, जिसे आप आराम से चुका सकें. लंबी अवधि पर लोन लेने से ब्याज का बोझ बढ़ जाता है. छोटी अवधि चुनने पर EMI ज्यादा हो सकती है, जिससे बजट बिगड़ सकता है. सही बैलेंस बनाकर अवधि तय करें ताकि आपका क्रेडिट स्कोर सुरक्षित रहे.