मध्यप्रदेश:- हिंदू धर्म में स्त्रियां पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए हर साल ज्येष्ठ अमावस्या पर वट सावित्री व्रत करती है. इस साल वट सावित्री व्रत 6 जून 2024 को है.
इस व्रत के करने से अखंड सौभाग्य और संतान सुख भी मिलता है. वट सावित्री व्रत बहुत महत्वपूर्ण है ऐसे में पूजने के दौरान किसी चीज की कमी न हो इसके लिए इस व्रत की पूजा सामग्री लिस्ट यहां जान लें.
वट सावित्री व्रत पूजा सामग्री
सावित्री-सत्यवान की तस्वीर, बांस की का पंखा, लाल और पीले रंग का कलावा, मिठाई, बताशा, मिट्टी का दीपक, भिगोया हुआ काला चना, कच्चा सूत, अगरबत्ती या धूपबत्ती, पांच प्रकार के 5 फल, तांबे के लोटे में पानी, पूजा के लिए सिन्दूर, पान, सुपारी, श्रृंगार सामग्री, कथा की पुस्तक, बरगद का फूल, इत्र, नारियल, चावस पूड़ियां, स्टील या कांसे की थाली, टोकरी, दक्षिणा.
बरगद की पूजा में न करें ये गलती
आमतौर पर ये देखने में आता है कि स्त्रियां वट वृक्ष बरगद की बजाय एक छोटे से गमले में लगे बरगद की पूजा कर व्रत संपन्न करती है. शास्त्रों के अनुसार ये अनुचित है, क्योंकि बरगद की छाल में विष्णु, जड़ में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव का वास माना जाता है. इसके अलावा पेड़ की शाखाएं, जो नीचे की तरफ लटकी रहती हैं, उनको मां सावित्री कहा जाता है.
ऐसे में पूजा के दौरान बरगद की छांव व्रती पर पड़ना चाहिए, तभी इन सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पौराणिक कथा के अनुसार बरगद के पेड़ के नीचे ही यमराज ने सावित्री के पति के प्राण लौटाए थे. इसलिए इसका महत्व है.
वट सावित्री व्रत में जरुर करें ये काम
वट सावित्री व्रत के दिन मंदिर या सार्वजनिक स्थल प बरगद का पौधा जरूर लगाएं, इससे पारिवारिक और आर्थिक समस्या से मुक्ति मिलती है. सौभाग्यवती महिला को सुहाग की सामग्री का दान करें.