रेस्टॉरेंट के खाने में हो सकता है ये सफेद जहर, दिखते ही छोड़ दें टेबल, NCR में 5 लोगों की तबीयत खराबWhat is Dry Ice: ड्राई आइस का इस्तेमाल कई जगह किया जाता है जिसमें खाने को फोटोजेनिक और स्पेश पीओल इफेक्ट बनाना भी शामिल है। दिल्ली-एनसीआर के एक रेस्टॉरेंट में इसे खाने से 5 लोगों की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई। आइए जानते हैं कि ड्राई आइस क्या है और इसके साइड इफेक्ट क्या हैं?
पहले किसी खास मौके पर लोग बाहर खाने जाते थे। मगर लाइफस्टाइल और लीविंग स्टैंडर्ड बदल जाने पर आजकल रेस्टॉरेंट में जाकर खाना आम हो गया है। लोगों को लुभाने और खाने को फोटोजेनिक बनाने के लिए रेस्टॉरेंट भी नई-नई तरकीबें इस्तेमाल करते हैं, जिसमें ड्राई आइस का इस्तेमाल भी शामिल है। इसकी मदद से खाने और ड्रिंक्स से सफेद धुआं निकाला जाता है जो खाने को आई कैचर बना देता है।
यह ड्राई आइस सेहत के लिहाज से काफी खतरनाक हो सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के एक रेस्टॉरेंट में 5 लोगों की माउथ फ्रेशनर खाने के बाद बुरी तरह हालत खराब हो गई। वायरल वीडियो में देखा गया कि लोग दर्द के मारे चीख रहे थे और उल्टी कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक माउथ फ्रेशनर के रूप में ड्राई आइस दी गई थी।ड्राई आइस कैसे बनती है?dry iceकार्बन डाइऑक्साइड को जब करीब -78.5°C (-109.3°F) के तापमान पर सॉलिड किया जाता है तो ड्राई आइस बनती है। यह एक कंप्रेस्ड और कूलिंग गैस होती है जिसे लिक्विड फेज में पहुंचाए बिना सॉलिड स्टेज में पहुंचाया जाता है। जब यह गर्म या खुले तापमान के संपर्क में आती है जो सॉलिड से सीधा गैस बनने लगती है और सफेद-गाढ़ा धुआं उठने लगता है।
इस कूलिंग एजेंट को शिपिंग के दौरान खराब होने वाली चीजों को बचाने, खाने या किसी चीज मे स्पेशल इफेक्ट दिखाने और लेबोरेटरी में एक्सपेरिमेंट करने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है।इंसानों के लिए खतरनाक है ड्राई आइसdry iceअगर इसका सही इस्तेमाल नहीं किया जाए तो यह इंसानों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसे सीधा छूने से हाथ गंभीर रूप से जल सकते हैं। सामान्य तापमान के संपर्क में इससे भारी मात्रा में खतरनाक कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है जो फेफड़ों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
इसलिए उचित सावधानी और खुली जगह पर इस्तेमाल करना चाहिए।ड्राई आइस खाने से क्या होता है?dry ice with fruits4ड्राई आइस का सेवन जानलेवा और गंभीर रिजल्ट देने वाला हो सकता है। यह सॉलिड कार्बन डाइऑक्साइड होती है जिसका तापमान बहुत ज्यादा कम होता है। मुंह के अंदर जाने पर इससे जीभ, तलवा, अंदरुनी अंग जल सकते हैं। इसका धुआं डायजेस्टिव सिस्टम में इकट्ठा होने से ब्लोटिंग, पेट दर्द, उल्टी और जान का खतरा हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टरी सहायता की जरूरत पड़ती है।