
पुलिस अधीक्षक गौरेला पेंड्रा मरवाही द्वारा जिले में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को वैज्ञानिक अनुसंधान मैं कुशल एवं दक्ष बनाने हेतु एक अभिनव पहल की शुरुआत की गई है। जिसके तहत अपराध विवेचना में अधिक से अधिक वैज्ञानिक साक्ष्य का सुचारू रूप से उपयोग करने के उद्देश्य एक कार्यशाला का आयोजन पुलिस नियंत्रण कक्ष गौरेला में किया गया।कार्यशाला का विषय साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन था। ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा द्वारा इस कार्यशाला की रूपरेखा तैयार कर सफल संपादन किया गया ।
कार्यशाला में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अशोक वाडेगावकर के नेतृत्व में आयोजित हुए आज के कार्यशाला में साइबर सेल में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक हेमंत आदित्य सहायक उपनिरीक्षक मनोज हनोतिया एवं सहायक उप निरीक्षक दुर्गेश राठोर के द्वारा साइबर अपराधों की विवेचना कैसे की जानी चाहिए तथा मोबाइल कॉल डिटेल,मोबाइल फॉरेंसिक फेसबुक व्हाट्सएप एवं अन्य सोशल मीडिया से घटित अपराधों की विवेचना कैसे की जानी चाहिए इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान कर विवेचना में आने वाली दिक्कतों को दूर करने का प्रयास कैसे किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक गौरेला पेंड्रा मरवाही त्रिलोक बंसल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा द्वारा इस प्रकार के कार्यशाला भविष्य में निरंतर जारी रखने एवं जिले के विवेचना अधिकारियों को बारी बारी से प्रशिक्षण देकर विवेचना में वैज्ञानिक साक्ष्य का समावेश करना तथा विवेचना संबंधी समस्याओं का समाधान करना कार्यशाला का उद्देश्य होना बताया।
कार्यशाला में15 विवेचकों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रशिक्षण में भाग लिया। विवेचक की दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से लगातार विभिन्न विषयों पर कार्यशाला का आयोजन भविष्य में भी किया जाते रहने सभी ने सपथ ली।