पटना: जमीन के बदले नौकरी घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने राजद प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को जमीन के बदले नौकरी घोटाले में मुख्य लाभार्थी करार दिया है। सीबीआई जल्द ही इस मामले में चरणबद्ध तरीके से पूरक आरोपपत्र दायर करेगी। जुलाई में दायर की गई सीबीआई की पूरक चार्जशीट में तेजस्वी यादव को पहली बार आरोपी बनाया गया। सीबीआई का आरोपी है कि लालू यादव के परिवार ने अपने नाम पर कंपनियां बनाकर जमीनें खरीदीं। बाद में इन जमीनों का मालिकाना हक लालू परिवार के सदस्यों के नाम ट्रांसफर कर लिया।
कोर्ट में दाखिल सीबीआई की चार्जशीट में क्या क्या
तेजस्वी बिहार के डिप्टी सीएम हैं। लालू यादव और उनकी पत्नी दोनों राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। तीनों ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि ‘लालू प्रसाद यादव ने अन्य मामलों में भी ऐसा ही कहा था।’ सीबीआई ने दावा किया है कि ‘बड़ी साजिश केवल नौकरियों के बदले जमीन लेने तक ही सीमित नहीं है। कार्यप्रणाली से यह भी पता चलता है कि भुगतान नकद में या राजनीतिक और इस तरह के अन्य प्रोत्साहनों के लिए किया गया है।’
आरोप पत्र में शामिल कंपनी के बारे में विस्तार से बताते हुए सीबीआई ने कहा है कि ‘मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के नाम पर एक भूमि पार्सल खरीदा गया था। लालू और उनके सहयोगी प्रेम चंद गुप्ताने प्रमोटरों को कंपनी के नाम पर जमीन खरीदने के लिए मना लिया था। लालू और प्रेम चंद गुप्ता ने प्रमोटरों से वादा किया था कि वो बाद में उक्त जमीन को उनसे वापस खरीद लेंगे।’
आरोप पत्र के अनुसार, उसी कंपनी की ओर से एक अन्य भूमि पार्सल के साथ खरीदी गई जमीन को 1 लाख रुपये की मामूली कीमत पर शेयरों का ट्रांसफर कर राबड़ी देवी और तेजस्वी के नाम कर दिया गया था। उपरोक्त कंपनी के पास अचल संपत्ति/भूमि पार्सल थे, जिनकी उस समय मार्केट बैल्यू लगभग 1.77 करोड़ रुपये थी।
आरोप पत्र में कहा गया है कि ‘एके इंफोसिस्टम्स कंपनी का इस्तेमाल 2006-2010 के दौरान रेलवे में नौकरी जैसे अनुचित लाभ के बदले में कई व्यक्तियों से सीक्रेट तरीके से भूमि पार्सल खरीदने के लिए किया गया था।’ आरोप पत्र में कहा गया है, ‘उक्त कंपनी की ओर से अधिग्रहीत भूमि के टुकड़े सर्कल दरों या उससे भी कम दरों पर बेचे गए थे।’ चार्जशीट में कहा गया है कि, ‘एके इंफोसिस्टम्स की ओर से खरीद के दौरान संपत्तियों की मौजूदा बाजार दरें सर्कल रेट से कम से कम 4-5 गुना अधिक थीं।’

