मध्यप्रदेश:– दीवाली हमारे जीवन में रौशनी, आशा और समृद्धि का प्रतीक है, लेकिन इसे मनाते समय पर्यावरण का ध्यान रखना आज की जरूरत बन गया है. अगर हम दीवाली को इको-फ्रेंडली तरीके से मनाते हैं तो हमारा आने वाला भविष्य भी सुरक्षित रहेगा और प्रकृति को नुकसान भी कम होगा. यहां हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप परंपरा और प्रकृति, दोनों के प्रति अपना सम्मान प्रकट कर सकते हैं.
इको-फ्रेंडली दीवाली मनाने के 8 बेहतरीन तरीके
- मिट्टी के दीये जलाएं, बिजली की लाइट्स कम करें
मिट्टी के दीये न सिर्फ सुंदर लगते हैं, बल्कि स्थानीय कुम्हारों की आय का स्रोत भी बनते हैं. बिजली की लाइटिंग का कम से कम उपयोग करें या LED लाइट्स का प्रयोग करें. - पटाखों से दूरी बनाएं
पारंपरिक पटाखे वायु और ध्वनि प्रदूषण का बड़ा कारण हैं. इनकी जगह ग्रीन क्रैकर्स का उपयोग करें या बेहतर विकल्प चुनें — कोई भी पटाखा न जलाएं और दीयों, संगीत और नृत्य से उत्सव मनाएं. - पौधे गिफ्ट करें
मिठाइयों और प्लास्टिक उपहारों की बजाय पौधे या बीज बॉक्स गिफ्ट करें. ये लंबे समय तक याद रहते हैं और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं. - सस्टेनेबल सजावट करें
थर्मोकोल, प्लास्टिक या चमकीली सजावट की जगह कागज़, कपड़े, सूखे फूलों या पत्तियों से बनी सजावट का इस्तेमाल करें. DIY सजावटी आइटम्स बनाना बच्चों के लिए भी एक मज़ेदार एक्टिविटी हो सकती है. - मिठाई और पकवान घर पर बनाएं
बाहर की मिठाइयों में मिलावट और पैकिंग से कचरा बढ़ता है. घर की बनी मिठाइयाँ ज़्यादा स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और प्लास्टिक-फ्री होती हैं. - कम से कम प्लास्टिक का उपयोग करें
उपहारों की पैकिंग में प्लास्टिक का प्रयोग न करें. इसकी जगह रंगीन कपड़े, अखबार या हैंडमेड पेपर का इस्तेमाल करें. - घर की सफाई में केमिकल-फ्री उत्पादों का प्रयोग करें
मार्केट में उपलब्ध कठोर केमिकल्स की जगह नींबू, बेकिंग सोडा और सिरका जैसे प्राकृतिक क्लीनर्स का प्रयोग करें. ये न सिर्फ सुरक्षित हैं बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर हैं. - स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा दें
चीन से आने वाले सजावटी सामान की बजाय स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स खरीदें. इससे न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सहयोग मिलेगा।