
कांग्रेस में अंदरुनी कलह चरम पर है। पिछले दो दिनों से पंजाब कांग्रेस ने हाईकमान की टेंशन बढ़ा रखी है, तो वहीं मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए साफ किया कि उनका G-23 ग्रुप ‘जी हुजूर-23’ नहीं है।
जिसके बाद से पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनसे नाराज हैं। मामला तब ज्यादा बढ़ गया, जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ही कपिल सिब्बल के घर के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। साथ ही उन्हें ‘गेट वेल सून कपिल सिब्बल’ की तख्तियां दिखाईं।
वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता भी कपिल सिब्बल के बयान पर सवाल उठा रहे हैं। मामले में अजय माकन ने कहा कि जब यूपीए की सरकार थी, तो सोनिया गांधी ने ही ये सुनिश्चित किया था कि संगठनात्मक पृष्ठभूमि ना होने के बावजूद कपिल सिब्बल केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बने रहे। अब भी पार्टी में सभी की बात सुनी जा रही है। मैं कपिल सिब्बल और अन्य लोगों को ये बताना चाहता हूं कि उन्हें उस पार्टी को नीचा नहीं दिखाना चाहिए, जिसने उन्हें पहचान दी।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि मैं आपसे (मीडिया से) उन कांग्रेस नेताओं की ओर से बात कर रहा हूं, जिन्होंने पिछले साल अगस्त में चिट्ठी लिखी थी। हम अध्यक्ष , सीडब्ल्यूसी और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी के चुनाव के संबंध में हमारी लीडरशिप की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि एक वरिष्ठ सहयोगी ने शायद लिख दिया है या कांग्रेस अध्यक्ष को तुरंत सीडब्ल्यूसी आयोजित करने के लिए लिखने वाले हैं, ताकि चर्चा हो सके कि हम ऐसी स्थिति में क्यों हैं।
क्या कांग्रेस छोड़ेंगे G-23 के नेता?
उन्होंने साफ किया कि ग्रुप-23 के नेता कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं। उन्होंने कहा है कि हम (ग्रुप 23 के नेता) उनमें से नहीं हैं, जो पार्टी छोड़ देंगे और कहीं और चले जाएंगे। ये बिडंबना है, जो उनके (लीडरशिप) करीबी थे वे चले गए और जिन्हें वो अपना करीबी नहीं मानते हैं, वो अभी भी उनके साथ ही डटे हुए हैं। उन्होंने दो टूक कहा है कि ‘हम जी-23 हैं, निश्चित रूप से हम जी हुजूर-23 नहीं हैं….. हम मुद्दे उठाते रहेंगे।