अरमान रज़ा
सीतापुर/सरगुज़ा, 21 मार्च। शादियों में निकलने वाली बारात और बारातियों का स्वागत करते आपने कई बार देखा होगा जिसमें बारातियो का स्वागत आतिशबाजी और फूल मालाओं से किया जाता है,मगर कभी किसी बारात का स्वागत कीचड़ में नाच कर करते आप ने कभी नही देखा होगा। लेकिन सरगुजा जिले के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में मांझी जनजाति के लोग आज भी कीचड़ में नाच कर बारातियों का स्वागत परम्परा अनुसार करते है।
ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों व झरनों के बीच बसा मैनपाट अपने कई विविधताओं घने जंगलों, वन्य जीव प्राणी के साथ बारहो महीना पडने वाले ठंड के कारण हमेशा से ही पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है, इसीलिए इसे छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो मैनपाट में रहने वाले पहाड़ी कोरवा,कोडाकु सहित मांझी जनजाति के लोग आज भी समाज के मुख्य धारा से कटे हुए हैं, हालांकि महज सरकार फाईलों में इन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए करोड़ों नहीं अरबों रुपए तक खर्च किए जा चुके हैं।
बहरहाल मांझी जनजाति के लोगो में बारात का स्वागत करने की अनूठी परंपरा आज भी चली आ रही है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल सरगुजा जिले के मैनपाट के मांझी समुदाय के द्वारा बारात का स्वागत परम्परा अनुसार कीचड़ में नाच कर किया जाता है। बरसो से चली आ रही इस परम्परा का मैनपाट के मांझी समुदाय के लोग आज भी निर्वहन करते आ रहे है,जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया में जम कर वायरल हो रहा है। वीडियो में आप देख सकते है कि किस तरह बारात आने की खुशी में मांझी समुदाय के लोग कीचड़ में नाच कर स्वागत कर रहे है और अपनी वर्षो पुरानी परंपरा को आज भी जीवित रखे है ये मैनपाट के मांझी समुदाय।