मुंबई:- महाराष्ट्र के रायगड स्थित बंसधारा-घुमुसर-नागावली डिवीजन के एक कुख्यात माओवादी नेता बिजय पुनेम उर्फ अजय ने आज रायगड जिले के पुलिस अधीक्षक के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. विजय बीजीएन डिवीजन की घुमसर एरिया कमेटी का सदस्य था और कई मामलों में वांछित था और उसके सिर पर 4 लाख रुपये का इनाम था.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के हुसूर थाना क्षेत्र के रहने वाले विजय ने एक पिस्तौल और आठ राउंड गोला-बारूद के साथ आत्मसमर्पण कर दिया. वह कंधमाल जिले और छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी सहित कई माओवादी-संबंधित घटनाओं में शामिल था.
एसपी स्वाति एस कुमार का बयान
रायगड एसपी स्वाति एस कुमार ने बताया, ‘भंसाधारा-घुमुसर-नागरुल डिवीजन के हार्डकोर माओवादी विजय पुनेम ने आत्मसमर्पण कर दिया है. वह कंधमाल और छत्तीसगढ़ में सक्रिय माओवादी संगठन का नेतृत्व कर रहा था. वह पुलिस दलों पर हमले और सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी में भी शामिल था. उसके खिलाफ 7 से अधिक मामले दर्ज हैं. वह कंधमाल जिले के तुमुदीबांध, रायकिया, गोछापाड़ा, कोठगढ़ और छत्तीसगढ़ के गरियाबांध इलाके में सुरक्षाकर्मियों पर हमलों में भी शामिल था.’
निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में किया काम
उन्होंने यह भी बताया, ‘पुनेम 2009 में सीपीआई (माओवादी) में शामिल हुआ था. शुरुआती ट्रेनिंग लेने के बाद उसने मॉडम बालकृष्ण उर्फ मनोज के निजी सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम किय. 2014 में उसे पार्टी मेंबर से एरिया कमांडर मेंबर एसीएम के पद पर पदोन्नत किया गया और वह बीजीएन डिवीजन के लिए काम कर रहा था. 2024 में वह ओडिशा आया और बीजीएन डिवीजन की घुमुसर एरिया कमेटी का नेतृत्व किया.
ओडिशा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण
विजय के लिए एक साधारण बंदूकधारी सुरक्षा गार्ड से लेकर शीर्ष माओवादी नेता तक का सफर बहुत मुश्किल रहा. इस दौरान वह 2009 से 2010 तक छत्तीसगढ़, मलकानगिरी, कोरापुट, नुआपाड़ा, कालाहांडी, बौध, मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़ा, कंधमाल और 2011 से 2014 तक कोरापुट के इलाकों में सक्रिय रहा. सितंबर में 2006 से 2024 के बीच 29 माओवादियों ने रायगढ़ा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया, जबकि 2006 से 2024 के बीच 647 माओवादियों ने ओडिशा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया.
उल्लेखनीय है कि कि ओडिशा सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति उग्रवादियों को हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायक रही है. इस नीति के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करने के लिए वित्तीय सहायता, आवास सहायता, शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण मिलता है.