नई दिल्ली:- मौर्य काल के समकालीन आचार्य चाणक्य को राजनीति शास्त्र में महारत हासिल थी। उनकी नीतियां दुनिया भर में मशहूर हैं। बता दें आचार्य चाणक्य ने कई प्रमुख रचनाएं की इसमें चाणक्य की नीतियां सबसे ज्यादा जानी जाती हैं। इसमें उन्हें सफलता पाने के रास्ते बताए हैं, अच्छे और बुरे व्यक्ति में फर्क करना समझया है।
यहां तक कि कैसे दोस्त बनाना चाहिए और किन लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए इसका भी जिक्र किया है। ऐसे में आज हम उन महिलाओं के बारे में बात करें हैं जिनके साथ गलत व्यवहार या उनका अपमान चाणक्य नीति में पाप के समान है। आचार्य चाणक्य ने इन महिलाओं की सेवा करने और सम्मान देने की बात कही है।
इंसान को इन दुनिया में लाने वाली मां को आचार्य चाणक्य ने भगवान के समान बताया है। निस्वार्थ भाव से अपने बच्चों का पालन-पोषण करने वाली मां के उपकार को कभी नजरअंदाज ना करें। आचार्य का मानना है कि मां की सेवा करने वाले व्यक्ति को पृथ्वी पर ही स्वर्ग मिल जाता है जबकि उनका अपमान करना बहुत बड़ी गलती होती है।
माना जाता है कि गुरु के बिना किसी व्यक्ति को ज्ञान नहीं मिल सकता और बिना गुरु के एक व्यक्ति काली स्याही की तरह होता है। ऐसे में आचार्य चाणक्य ने गुरु की पत्नी की तुलना मां से की है। और, मां की सेवा सफलता हासिल कराती है ऐसे में गुरु की पत्नी का अपमान गलती से भी नहीं करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक राजा की पत्नी मां के समान होती है इनकी सेवा करने से आय और सौभाग्य मिलता है। इसलिए भूलकर भी राजा की धर्मपत्नी का अपना ना करें गलती होने पर माफी मांग लें। अगर आप जानबूझकर उनका अपमान करते हैं तो आपको सजा भी भुगतनी पड़ेगी।
चाणक्य नीति के मुताबिक दोस्त के साथ हमेशा विश्वासी बनकर रहना चाहिए। उन्होंने दोस्त की पत्नी को भी मां का दर्जा किया है, इसलिए उनके लिए शिष्टाचार और स्नेह बनाए रखना चाहिए। ऐसे में भूलकर भी मित्र की पत्नी का दिल दुखाना आपको मुश्किल में डाल सकता है। यहां तक कि आपको इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।