नई दिल्ली:– केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दिवाली से पहले मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)-शहरी 2.0’ के तहत 1.41 लाख अतिरिक्त घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। बता दें कि इस योजना के तहत शहरी गरीब और मिडिल क्लास को सरकार अपना घर दिलाने में मदद करती है। आइए डिटेल जान लेते हैं।
क्या है सरकार का फैसला
योजना के तहत 1.41 लाख अतिरिक्त घरों के निर्माण को मंजूरी मिली है। इसके साथ ही इस योजना के तहत स्वीकृत आवासीय इकाइयों की कुल संख्या 10 लाख से अधिक हो गई है। अतिरिक्त घरों के निर्माण की मंजूरी 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल करती है। इनमें असम, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, मेघालय, हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह योजना शहरी लाभार्थियों को सम्मानजनक आवास प्रदान करने, समावेशन बढ़ाने और गरीब एवं कमजोर वर्गों को किफायती पक्के घर उपलब्ध कराकर जीवन स्तर सुधारने में योगदान देती है। यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने पर भी केंद्रित है, क्योंकि इसके घर या तो महिला मुखिया के नाम पर या संयुक्त स्वामित्व में ही स्वीकृत किए जाते हैं।
योजना के बारे में
यह योजना 1 सितंबर 2024 से लागू हुई है और अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखती है। योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जो EWS, LIG या MIG वर्ग में आते हैं और जिनके पास देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं है। सरकार ने योजना के तहत कुल ₹2.5 लाख करोड़ की केंद्रीय सहायता निर्धारित की है। इस योजना के चार वर्टिकल्स हैं- बेनिफिशियरी लेड कंस्ट्रक्शन (BLC), अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP), अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (ARH) और इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (ISS)। इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम के तहत पात्र लाभार्थियों को होम लोन पर रियायती दर से ब्याज मिलेगा, जिससे घर खरीदना या बनाना और भी आसान होगा।
कौन-कौन है पात्र
बता दें कि EWS, LIG और MIG श्रेणियों में क्रमशः ₹3 लाख, ₹6 लाख और ₹9 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार पात्र होंगे। लाभार्थियों को ₹8 लाख तक के होम लोन पर 4% ब्याज सब्सिडी दी जाएगी, जिससे ₹1.80 लाख तक की राहत मिल सकती है। सब्सिडी की राशि 5 किस्तों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थियों के लोन अकाउंट में जमा होगी। यह सुविधा केवल उन्हीं लोन खातों पर लागू होगी जो सक्रिय हैं और जिन पर 50% से अधिक मूलधन बकाया है। इससे न केवल EMI में कमी आएगी बल्कि घर खरीदने का सपना भी और आसान होगा।