धमतरी, 14 मार्च। सदगुरु कबीर विश्व शांति मिशन संस्थान, छत्तीसगढ़ कबीर पंथ विरक्त संघ संगठन के नए प्रबंध कारिणी का चुनाव संपन्न हुआ। संपूर्ण छत्तीसगढ़ के 125 से अधिक कबीर आश्रम, कबीर संस्थान एवम ट्रस्ट के 160 से भी अधिक संख्या में संतो और साधुओं का संगठन बना है। संत समाज के दर्पण होते हैं संतों का जीवन आत्म कल्याण और लोक कल्याण में व्यतीत होता है । सदगुरु कबीर मानवीय एकता और शाश्वत शांति के प्रकाश स्तंभ है। जिन्होंने “जीव दया और आतम पूजा” का संदेश दिया, जिनकी प्रमुख रचना बीजक है। जिनकी वाणी से जन-जन को सुख शांति प्रदान करने के सद्भाव के साथ, उद्देश्य हर कदम खुशियों की ओर …से जनमानस को अभीसिंचित करने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में जन कल्याणकारी कार्य करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ संत संगठन, सदगुरु कबीर विश्व शांति मिशन का स्थापना 2014 में किया गया है। संगठन के प्रदर प्रबंधकारिणी के नए पदाधिकारियों का चुनाव पोटियाडीह धमतरी में संपन्न हुआ और सपथ ग्रहण समारोह राजिम में किया गया।

जिसमें संत श्री रविकर साहेब देवपुर धमतरी अध्यक्ष मनोनीत किये गए। उपाध्यक्ष संत श्री सत्येंद्र साहब नादिया राजनांदगांव, सचिव संत श्री घनश्याम साहेब मंदरौद, कोषाध्यक्ष संत श्री बलवान साहेब ढेंटा, सह सचिव संत श्री क्षेमेंद्र साहब सेमरा, सह सचिव संत श्री विजय साहब सेंचूवा, सहकोषाध्यक्ष संत श्री हेमेन्द्र साहेब नवापारा, साध्वी समाज अध्यक्ष साध्वी भागवती परसट्टी, उपाध्यक्ष साध्वी राधा करेली , सचिव साध्वी मनिप्रभा डाभा, कोषाध्यक्ष साध्वी रचना करेली, सह सचिव साध्वी सुषमा भानुप्रतापपुर, सहकोषाध्यक्ष साध्वी क्षमा पोटीयाडीह, प्रबंध कारिणी सदस्य के रूप में संत श्री मुक्तिशरण साहेब कोलियरी, देवेंद्र साहेब करहीभदर बालोद, रामेश्वर साहेब धमतरी, भुनेश्वर साहेब मंदरौद, पूर्णेंद्र साहेब दुर्ग, जितेंद्र साहेब सुंदरा राजनांदगांव, विजेंद्र साहेब भिलाई आरंग, छवि साहेब सिरपुर महासमुंद, साध्वी सदस्य के रूप में साध्वी भूवनज्योति डोंगरगांव राजनंदगांव, साध्वी चंद्रकला सोनार देवरी बलोदा बाजार, साध्वी दुलारी सरायपाली, साध्वी सानिध्या करगा, साध्वी श्रद्धा पाररास बालोद, साध्वी उपकार कोरबा, साध्वी लता टोकरो, साध्वी सीमा सेमरा, साध्वी अंपी पेवरो चुने गए।
संत श्री रविकर साहेब ने कहा जनकल्याण हेतु तन मन धन से सेवा करना हमारी प्राथमिकता है पद एक प्रक्रिया है सेवा हमारा मूल कर्तव्य है।