छत्तीसगढ़:– उदंती एरिया कमेटी के प्रमुख कमांडर सुनील ने एक पत्र जारी कर सशस्त्र संघर्ष को विराम देने और हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई है। उन्होंने अपने साथियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील की है।
क्यों लिया आत्मसमर्पण का फैसला
सुनील ने अपने पत्र में लिखा कि वर्तमान हालात अब सशस्त्र संघर्ष के अनुकूल नहीं हैं। कई महत्वपूर्ण साथी मारे जा चुके हैं और अब अपने जीवन की सुरक्षा प्राथमिकता बन गई है। उन्होंने हाल ही में बस्तर और महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली नेताओं सोनू दादा और रूपेश के फैसले का समर्थन किया और 20 अक्टूबर को चर्चा करने का समय भी निर्धारित किया।
पुलिस का स्वागत और सुरक्षा का आश्वासन
गरियाबंद के एसपी निखिल राखेचा ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि यह नक्सल उन्मूलन अभियान में एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो भी नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उनकी और उनके परिवार की संपूर्ण सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की होगी।
208 नक्सलियों ने बस्तर में किया आत्मसमर्पण
हाल ही में बस्तर के जगदलपुर में आयोजित कार्यक्रम में 208 नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया। इनमें 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल थे, जो भाकपा (माओवादी) संगठन के विभिन्न स्तरों के सदस्य हैं।
सौंपे गए हथियार
आत्मसमर्पण करने वाले नेताओं में कई शीर्ष माओवादी नेता भी शामिल थे, जैसे रूपेश उर्फ सतीश, भास्कर उर्फ राजमन मंडावी, रनिता, राजू सलाम, धन्नू वेट्टी उर्फ संटू और रतन एलाम। इस दौरान कुल 153 हथियार पुलिस को सौंपे गए, जिनमें शामिल हैं:
19 AK-47 राइफलें
17 SLR राइफलें
23 INSAS राइफलें
36 .303 राइफलें
11 BGL लॉन्चर
41 बारह बोर या सिंगल-शॉट बंदूकें
1 पिस्तौल