जशपुर:जिले में अवैध ब्लास्टिंग का मामला सामने आया है।लॉकडाऊन का फायदा उठाते हुए ठेकेदार के द्वारा स्टेट हाइवे अवरुद्ध कर सड़क से लगे जंगल में विस्फोटक का प्रयोग कर पत्थरों को तोड़ा जा रहा था।पुलिस को सूचना मिलते ही बगीचा पुलिस मौके पर पंहुच गई और मामले की जांच कर रही है। मामला है जिले के बगीचा तहसील के अंतर्गत पेटा हाथी मोड़ का जहां पहाड़ चट्टान मद में उल्लेखित जंगल के पेड़ों की बेतहाशा अवैध कटाई करने के बाद अब जंगल के पत्थरों को विस्फोटक के माध्यम से तोड़ा जा रहा है।उल्लेखनीय है कि पेटा में नान का गोदाम निर्माण कार्य चल रहा है।जहां बिना स्थानीय प्रशासन व पुलिस को सूचना दिए अवैध रुप से विस्फोट किया जा रहा है।रविवार को पेटा के पास बतौली बगीचा स्टेट हाइवे को अवरूध्द कर विस्फोटक के माध्यम से ब्लास्ट किया गया है।न तो स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना है न ही तहसीलदार को।न गांव में मुनादी हुई न ही कोई पूर्व आदेश ग्राम पंचायत में चस्पा किया गया।
बग़ीचा तहसीलदार अविनाश चौहान ने बताया कि पुलिस से उन्हें सूचना मिली कि पेटा में कुछ लोग ब्लास्टिंग कर रहे हैं।दस्तावेज मंगाकर जांच की जा रही है।वहीं बगीचा पुलिस ने बताया कि संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है।
आपको बता दें कि उक्त स्थल पर लगातार पेड़ों की अवैध कटाई भी की जा रही है जिसपर अब तक प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि जिन प्रतिबंधित पेड़ के छाल को छिलना भी गुनाह है।ऐसे पेड़ों को प्रशासन की नाक के नीचे निर्ममता से काट दिया गया है।
दरअसल बगीचा ब्लाक के ग्राम पेटा में करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट के तहत नान गोदाम का निर्माण चल रहा है।पूर्व एसडीएम रोहित व्यास के द्वारा उक्त स्थल को आबंटित करने से रोका गया था।इसके बाद मामले में पेड़ों के नुकसान पहाड़ चट्टान खनिज संपदा के नुकसान व पर्यावरण को खासा नुकसान होने की बात का भी उल्लेख किया गया था।इसके बावजूद उक्त स्थल के आबंटन की बात सामने आ रही है।फिलहाल यह जांच का विषय है।
2 दिन पहले कुछ ग्रामीणों की शिकायत पर प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने मौके का दौरा किया था और जिला प्रशासन समेत स्थानीय प्रशासन को भी मामले में कार्यवाही किये जाने की बात कही थी।
वहीं बिना किसी विभाग या खनिज विभाग से बिना किसी अनुमति के ही यहां मौजूद पत्थरों को दादागिरी के साथ पहले तो मशीनों से तोड़ा गया और अब ऊंचे जंगल मे ब्लास्ट कर पत्थरों को तोड़ा जा रहा है।
वन मित्र,समाज सेवक अधिवक्ता रामप्रकाश पाण्डे ने बताया कि यह अत्यंत गम्भीर मामला है आखिर जिस स्थान पर सैकड़ो की संख्या में विलुप्त प्राय पेड़ मौजूद थे तथा प्राकृतिक पत्थर है,पहाड़ चट्टान मद की भूमि है,जहां किसी योजना से पर्यावरण को नुकसान है वहां कैसे मद परिवर्तन किया गया और कैसे उक्त भूमि का आबंटन किया गया।इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए।ब्लास्टिंग के मामले में जिला प्रशासन को सूचना दिए जाने की बात सामने आ रही है वहीं स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं।ऐसे में कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।