साईं ट्रेनिंग हॉस्टल से बन रहा खिलाड़ियों का जीवन
राजनांदगांव, 1 अप्रैल। आदिवासी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की बालिकाओं में से एक खिलाड़ी निशा कश्यप जिसके माता एवं पिता इस दुनिया में नहीं हैं। बहुत कम आयु में जिनके सर पर माता पिता का साया न हो उस समय उसकी बड़ी बहन जो स्वयं कपड़े की दुकान में काम करती थी और बहुत कम सैलरी होने के बावजूद उसने छोटी बहन को सहारा दिया।
निशा की कुछ सहेलियाँ अम्बिकपुर में बास्केटबाल मैदान पर खेलने जाती थी उनको देखकर निशा भी उनके साथ मैदान जाने लगी ।
लड़की पर सरगुजा जिला बास्केटबॉल संघ के सचिव एवं प्रशिक्षक राजेश प्रताप सिंह की नजर पडी। उन्होंने उस लड़की को नियमित प्रैक्टिस करने के लिए बोला। निशा की प्रतिभा देखकर साई बास्केटबॉल के अंतराष्ट्रीय प्रशिक्षक के राजेश्वर राव एवं राधा राव से अनुरोध किया कि वे उसे राजनांदगांव ले जाकर उसे एडवांस ट्रेनिंग प्रदान करें। उन्होंने उस लड़की के बेटरी टेस्ट लिए और उसे सलेक्ट कर लिया।
उन्होंने उस लड़की को युगांतर पब्लिक स्कूल राजनांदगांव में एडमिशन कराया और उसे रखकर नियमित अभ्यास कराया और निशा के टेलेंट को देखकर साई ट्रेनिंग सेंटर राजनांदगांव में उसे सलेक्ट किया। उसके बाद निशा ने पिछे मुडकर नहीं देखा। उसने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण रजत एवं कांस्य पदक जीते एवं एशियन एवं विश्व स्कूल बास्केटबॉल प्रतियोगिता सहित तीन अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया।
आज निशा का चयन अपनी मेहनत के दम पर खेल कोटे में दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे बिलासपुर में हो गया है।
निशा कश्यप अपनी इस उपलब्धि के लिए संपूर्ण श्रेय के. राजेश्वर राव, राजेश प्रताप सिंह एवं के. राधा राव को देती हैं।