
राजनीतिक विज्ञान की किताब से कुछ संदर्भों को हटाए जाने को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास करने वाले खुद ‘इतिहास के कूड़ेदान’ में पहुंच जाते हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जितना भी प्रयास कर लें, लेकिन इतिहास बदलने वाला नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आप पुस्तकों में चीजों को बदल सकते हो, लेकिन इतिहास नहीं बदल सकते। भाजपा और आरएसएस के लोग कितना भी प्रयास कर लें, इतिहास नहीं मिटने वाला है।”
प्रतिशोध की भावना के साथ इतिहास बदला जा रहा
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘प्रतिशोध की भावना के साथ इतिहास बदला जा रहा है।” कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इतिहास का पुनर्लेखन आरएसएस और भाजपा का हमेशा से प्रयास रहा है। आप इतिहास को तोड़-मरोड़ सकते हैं, लेकिन इसे मिटा नहीं सकते हैं। इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि जो इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश करते हैं वो खुद इतिहास के कूड़ेदान में पहुंच जाते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी की आजादी के आंदोलन में सबसे कारगर भूमिका यह थी कि उन्होंने हिंदू-मुसलमान एकता के लिए संघर्ष किया। इसी के चलते आरएसएस से प्रेरित एक सिरफिरे ने गांधी जी की हत्या की। इस सिरफिरे का नाम नाथूराम गोडसे था। इसके बाद सरदार पटेल ने आरएसएस को प्रतिबंधित किया था।” सुप्रिया ने कहा, ‘‘इतिहास सिर्फ किताबों में नहीं है, बल्कि इस देश के डीएनए में है। इस देश के डीएनए को बदलने की हिमाकत नहीं होनी चाहिए।”