नई दिल्ली:– आरएसएस के राष्ट्रीय मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख सुनील आंबेकर ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत वीरों का देश है, यह संदेश देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर जरूरी था। ‘लोकमाता, देवी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन और विरासत’ पुस्तक के विमोचन के दौरान आंबेकर ने कहा कि यह संदेश देना जरूरी है कि हमारे पास छत्रपति शिवाजी महाराज और अहिल्याबाई जैसी वीर महिलाओं की विरासत है। आप हमारे देश में आकर महिलाओं के माथे से सिंदूर नहीं पोंछ सकते। यह नया भारत है।
आंबेकर ने कहा कि भारत आज एक ऐसे मोड़ पर है जहां वह आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापार भी हमारे लिए बहुत जरूरी है। देश में शांति और एकता बनाए रखना भी बहुत जरूरी है। इसी तरह पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर भी जरूरी था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि एक विचार था कि कोई बाहरी ताकत भारत की महिलाओं के माथे का सिंदूर मिटाने की सोच भी न रखे। उन्होंने इसे एक सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना से जुड़ा विषय बताया। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि आज का भारत बदल चुका है, और अब हर जवाब ठोस और स्पष्ट होता है। यह अभियान एक स्पष्ट संदेश था कि देश अब हर हमले का हिसाब बराबरी से करता है।
वीरता की परंपरा को पुनर्जीवित करने का प्रतीक
ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ एक रणनीतिक मिशन मानना इसकी व्यापकता को कम कर देना होगा। इसे उस विरासत का विस्तार माना जा रहा है जो भारत की वीर नारियों और वीर योद्धाओं से जुड़ी है। वक्ता ने कहा कि आज आवश्यकता है कि पूरी दुनिया को यह दिखाया जाए कि भारत वीरों का देश है और इस परंपरा को तोड़ने की कोई कोशिश सफल नहीं होने दी जाएगी।
पहलगाम हमले का सीधा और सटीक जवाब
हाल ही में हुए पहलगाम हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई, जिससे देश भर में आक्रोश फैला। इस हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमापार मौजूद आतंक के अड्डों को निशाना बनाया। वक्ता ने इसे एक ठोस कदम बताया और कहा कि अब भारत हर हमला बर्दाश्त नहीं करता, बल्कि निर्णायक प्रतिक्रिया देता है, जो आने वाले समय में विरोधियों के लिए चेतावनी साबित होगी।