नई दिल्ली:– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड प्रबंधन की तर्ज पर टीबी उन्मूलन अभियान को चलाया जाए। ट्रेस, टेस्ट व ट्रीट की नीति को अपनाते हुए लक्षण के आधार पर लोगों की स्क्रीनिंग करें, उनकी जांच कराएं और टीबी की पुष्टि होने पर तत्काल उनका उपचार शुरू करें। वहीं 15 जिलों में चलाए जा रहे 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान का विस्तार कर अब सभी जिलों में इसे चलाए जाने के भी निर्देश दिए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों से वह जुड़े रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश का कोविड प्रबंधन पूरे देश के लिए माडल बनकर उभरा था। जिसकी सराहना पूरे विश्व ने की थी। ऐसे में उसे ही आधार बनाकर टीबी उन्मूलन की दिशा में बढ़ा जाए। एनएनएम, आंगनबाड़ी व आशा वर्कर घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करें। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का जो लक्ष्य रखा गया है, उसे तेजी से पूरा किया जाए।
15 जिलों में चल रहा 100 दिवसीय अभियान
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 15 जिलों में बीते सात दिसंबर से चल रहे 100 दिवसीय अभियान के परिणाम संतोषजनक हैं। जनभागीदारी बढ़ाने के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों, भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारियों, पूर्व कुलपतियों, धार्मिक नेताओं, जन प्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों, उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों, टीबी से ठीक हुए रोगियों यानी टीबी चैंपियनों, निक्षय मित्रों व निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
वेब पोर्टल पर अपडेट हों हर गतिविधियां
उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान की मानीटरिंग के लिए पोर्टल विकसित किया जाएं। पोर्टल पर टीबी उन्मूलन को लेकर चलाई जा रहीं गतिविधियों को हर दिन अपडेट किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के स्तर से सभी मंत्रियों, सांसदों व विधायकों सहित अन्य जन प्रतिनिधियों को पत्र भेजकर टीबी उन्मूलन में सक्रिय भागीदारी की अपील की जाए। यही नहीं मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर पर इस अभियान की साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक समीक्षा की जाए।
बैठक में ये लोग रहे मौजूद
सभी जिलों में जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी की एक त्रिस्तरीय कमेटी का गठन किया जाए। यह कमेटी इस अभियान की नियमित समीक्षा करें। बैठक में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सुविधाएं बढ़ीं तो ज्यादा टीबी रोगी हुए चिह्नित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टीबी की जांच व उपचार की सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। टीबी नोटिफिकेशन तीन वर्ष पहले 4.46 लाख था और अब यह बढ़कर 6.59 लाख हो गया है। निक्षय पोषण योजना के तहत वर्ष 2018 से लेकर अब तक डीबीटी के माध्यम से 36 लाख मरीजों को 766 करोड़ रुपये की धनराशि भेजी गई है। टीबी उपचार की सफलता दर जो वर्ष 2017 में 79 प्रतिशत थी अब वह बढ़कर 91.5 प्रतिशत हो गई है। टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए अधिक से अधिक निक्षय मित्र बनाने पर जोर दिया जाए।