आरबीआई की अपनी डिजिटल करेंसी जल्द हकीकत बनने वाली है. ई-रुपये को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बड़ा अपडेट दिया गया है. बैंक ने एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने E-Rupee के पायलट लॉन्च की बात कही है. यह कॉन्सेप्ट नोट लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से जारी किया गया है, जिससे डिजिटल करेंसी के सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके. जानकारी के मुताबिक ई रुपया (e-RUPI) डिजिटल करंसी को सबसे पहले कुछ लिमिटेड इस्तेमाल के लिए रखा जाएगा, उसके बाद इसके बढ़ते प्रभाव से इसे बढ़ाया जाएगा. सेन्ट्रल बैंक ने डिजिटल करंसी को ई.रुपया का नाम दिया है. क्रिप्टो करंसी में सबसे ज्यादा प्रचलित बिटकॉयन की तरह ई.रुपया का भी अपना लोगो होगा, जिसमें (e₹) को मर्ज करके तैयार किया जाएगा. ई.रुपया की सबसे बड़ी खासियत होगी कि आपको पेमेंट करने का एक सुरक्षित माध्यम मिलने जा रहा है.
- ई रुपये के जरिए भुगतान किया जा सकेगा.
- ई रुपये के ज़रिए किसी मॉल में लिया जाने वाले सामान को खरीदा जा सकेगा.
- ई रुपये का इस्तेमाल निवेश के लिए भी होगा.
- ई रुपये से पेमेंट गेटवे के ज़रिए सबसे सुरक्षित पेमेंट किया जा सकेगा.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अगस्त 2021 को कैशलेस और संपर्क रहित भुगतान (Cashless And Contactless Instrument) के साधन के रूप में डिजिटल भुगतान समाधान ई- रुपी (e-RUPI) का शुभारंभ किया है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश में डिजिटल लेनदेन में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer-DBT) को और अधिक प्रभावी बनाने में ई-रुपी वाउचर एक बड़ी भूमिका निभायेगा और डिजिटल शासन व्यवस्था को एक नया आयाम देगा. उन्होंने कहा कि ई-रुपी इस बात का प्रतीक है कि भारत, लोगों के जीवन को तकनीक से जोड़कर कैसे आगे बढ़ रहा है.
ई-रुपी क्या है :
ई-रुपी मूल रूप से एक डिजिटल वाउचर है जो एक लाभार्थी को उसके फोन पर एसएमएस या क्यूआर कोड के रूप में मिलता है. यह एक प्रीपेड वाउचर है, जिसे वह किसी भी केंद्र पर, जो इसे स्वीकार करता है, जाकर उसका उपयोग कर सकता है. उदाहरण के लिए, यदि सरकार अपने कर्मचारी का किसी निर्दिष्ट अस्पताल में विशेष उपचार का खर्च वहन करना चाहती है, तो वह एक भागीदार बैंक के माध्यम से निर्धारित राशि के लिए ई-रुपी का वाउचर जारी कर सकेगी. कर्मचारी को उसके फीचर फोन/स्मार्ट फोन पर एक एसएमएस या एक क्यूआर कोड प्राप्त होगा. वह निर्दिष्ट अस्पताल में जा कर उसकी सेवाओं का लाभ उठायेगा और अपने फोन पर प्राप्त ई-रुपी वाउचर से भुगतान कर सकेगा.
इस प्रकार ई-रुपी एक बार का संपर्क रहित, कैशलेस वाउचर-आधारित भुगतान का तरीका है जो उपयोगकर्ताओं को कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग तक पहुंचे बिना वाउचर भुनाने में मदद करता है. ई-रुपी को वैसी डिजिटल मुद्रा मानने का भ्रम नहीं होना चाहिए जिसे लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक विचार कर रहा है। इसकी बजाय ई-रुपी एक व्यक्ति विशिष्ट, यहां तक कि उद्देश्य विशिष्ट डिजिटल वाउचर है. (Digital Currency e-RUPI)
प्रायोजकों को ई-रुपी से क्या लाभ हैं :
प्रत्यक्ष-लाभ हस्तांतरण को मजबूत करने तथा इसे और अधिक पारदर्शी बनाने में ई-रुपी एक प्रमुख भूमिका निभा सकेगा ऐसी आशा है। चूंकि, वाउचर को भौतिक रूप से जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है, इससे लागत की भी कुछ बचत होगी. (Digital Currency e-RUPI)
सेवा प्रदाताओं को क्या लाभ होंगे :
ई-रुपी प्रीपेड वाउचर होने के नाते सेवा प्रदाता को रीयल टाइम भुगतान का भरोसा देगा.
उपभोक्ता के लिए कैसे फायदेमंद है ई-रुपी :
ई-रुपी के लिए लाभार्थी के पास बैंक खाता होना आवश्यक नहीं है, जो अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों की तुलना में इसकी एक प्रमुख विशिष्टता है. यह एक आसान, संपर्क रहित भुगतान पाने की दो-चरणीय प्रक्रिया सुनिश्चित करता है जिसमें व्यक्तिगत विवरण साझा करने की भी आवश्यकता नहीं होती है. एक अन्य लाभ यह भी है कि ई-रुपी बुनियादी फोन पर भी संचालित होता है, इसलिए इसका उपयोग उन लोगों द्वारा भी किया जा सकता है जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है या उन जगहों पर जहां इंटरनेट कनेक्शन कमजोर है.
क्या बिटकॉयन की तरह निवेश करके पैसा कमा सकेंगे :
हालांकि इसमें आप निवेश करके पैसा कमा सकेंगे जैसे बिटकॉयन में होता है अभी कहना मुश्किल है. आरबीआई के इस डिजिटल करंसी ई.रुपया के इस्तेमाल से विदेशों में पैसा भेजने में आसानी होगी और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में कमी आएगी ऐसा माना जा रहा है. आतंकी घटनाओं के लिए हो रही फंडिंग पर भी रोक लगेगा, वहीं कालेधन को पनपने से रोकने में भी ई रुपया कारगर साबित होने वाला है. ई.रुपया आम जनता की पहुंच में होगा. लॉन्चिंग के समय इस ई रुपया को आप ई वॉलेट में भी रखकर बैंकों द्वारा चलाई जा रही तमाम सुविधाओं और ऑफर्स का फाएदा उठा सकेंगे. इसे एक वाउचर की तरीके से भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.
ई-रुपी किसने विकसित किया है:
भारत में डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र की देखरेख करने वाले नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यह वाउचर-आधारित भुगतान प्रणाली ई-रुपी लॉन्च की है. वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से इसे विकसित किया गया है.