भोपाल:- तकनीक से बेहतर परिणाम मिल पाते हैं और व्यक्तिगत ज़रूरतों को प्राथमिकता दी जाती है। यह तकनीक कंधे की रिप्लेसमेंट सर्जरी में क्रांति लाने और कंधे के जॉइंट की समस्याओं से पीड़ित अनगिनत लोगों के जीवन में उल्लेखनीय सुधार ला सकती है।कैसे होती है वीआईपी सर्जरीसर्जन वीआईपी तकनीक का उपयोग करके सर्जरी से पहले इम्प्लांट प्लेसमेंट की योजना बनाते हैं। इस तकनीक में एक वर्चुअल शोल्डर मॉडल बनाया जाता है, जिसमें हर मरीज़ के लिए उसकी विशेष ज़रूरतों के अनुरूप बेजोड़ सटीकता सुनिश्चित की जाती है। इससे जटिलताएं कम होती हैं और कम से कम चीरे देकर सर्जरी की जाने से मरीज़ की रिकवरी भी तेज़ी से हो पाती है। मरीज़ के कंधे तेज़ी से काम करने लगते हैं, जिससे उनकी संतुष्टि बढ़ती है और वे अपनी रोज़ाना गतिविधियां फिर से शुरू कर पाने में जल्दी से सक्षम हो जाते हैं।