नई दिल्ली:– प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों को सरकार जल्द ही बड़ी खुशखबरी दे सकती है। सरकार एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम (EPFO) के तहत हर महीने मिलने वाली एक हजार रुपए पेंशन की रकम को 2500 करने पर विचार कर रही है। इस पर EPFO की आगामी सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) मीटिंग में फैसला हो सकता है, जो इसी 10-11 अक्टूबर को बेंगलुरु में होनी है।
यदि CBT बैठक में यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो यह पेंशन दरों में 11 साल बाद होने वाला पहला संशोधन होगा। वर्तमान में 1000 रुपए प्रति माह की न्यूनतम पेंशन 2014 में तय की गई थी और तब से अब तक इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 30 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को यही न्यूनतम पेंशन मिल रही है।
क्या है EPS-95?
कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को नियमित पेंशन प्रदान करती है। इस योजना के तहत कर्मचारी की सैलरी का 8.33% EPS फंड में जमा होता है। इसके अलावा केंद्र सरकार कर्मचारी की सैलरी के अतिरिक्त 1.16% का योगदान देती है। योजना के तहत सरकार यह सुनिश्चित करती है कि कर्मचारी को हर महीने 1,000 रुपए पेंशन के तौर पर मिलती रहे, भले ही उसके फंड में पर्याप्त रकम न हो।
पेंशन की रकम बढ़ाने की मांग लंबे वक्त से की जा रही थी। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा था कि महंगाई के इस दौर में 1,000 रुपए की पेंशन नाकाफी साबित हो रही है। ट्रेड यूनियन और पेंशनर्स लंबे समय से 7,500 की न्यूनतम पेंशन की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सालों तक योगदान देने के बाद इतनी कम पेंशन मिलना अनुचित और अपमानजनक है।
फंड की वित्तीय स्थिति
EPS-95 फंड फिलहाल एक्चुरियल घाटे से जूझ रहा है। इसका मतलब है कि पेंशन देने के लिए जितनी राशि की जरूरत है, उतनी फंड में मौजूद नहीं है।
किसे मिलता है पेंशन?
एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम के लिए सरकार की ओर से केवल दो शर्तें हैं- पहला, पेंशन पाने वाले कर्मचारी की उम्र 58 साल या उससे अधिक होनी चाहिए, और दूसरा, उसने कम से कम 10 साल तक नौकरी की हो।