नई दिल्ली:– भारतीय एजुकेशन सिस्टम में काफी बदलाव आया है. ये बदलाव स्कूल से लेकर कॉलेज तक, हर स्तर पर देखे जा रहे हैं. जहां पहले साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास करने वाले सिर्फ बीटेक या एमबीबीएस का रुख करते थे, वहीं अब ऐसा नहीं है. हाल के कुछ सालों में 12वीं पास वालों के लिए ऐसे कोर्स आए हैं, जिनके बारे में पहले कभी सुना भी नहीं था. कमाल की बात है कि अब ज्यादातर स्टूडेंट्स ट्रडिशनल कोर्सेस छोड़कर इन्हीं लेटेस्ट कोर्स में एडमिशन ले रहे हैं.
पिछले कुछ सालों में भारतीय यूनिवर्सिटीज ने बदलते समय और टेक्निकल प्रोग्रेस के साथ कई नए और अनूठे कोर्स शुरू किए हैं. 5 साल पहले तक ज्यादातर लोग इनके बारे में नहीं जानते थे. ये कोर्स उभरती टेक्नोलॉजी, सामाजिक जरूरतों और ग्लोबल ट्रेंड्स को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किए गए हैं. जानिए 12वीं पास वालों के लिए 5 ऐसे लेटेस्ट कोर्स, जो भारत में हाल के कुछ सालों में लोकप्रिय हुए हैं
1- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग
आईआईटी, IIIT, दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत कई हायर एजुकेशन संस्थानों ने AI और ML में स्पेशलाइज्ड अंडरग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन कोर्स शुरू किए हैं. इन कोर्सेस में डीप लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) और कंप्यूटर विज़न जैसे विषय शामिल हैं.
उदाहरण: IIT दिल्ली का B.Tech in Artificial Intelligence (2021 में शुरू) और IIIT हैदराबाद का M.Tech in Machine Learning.
फोकस: AI और ML की बढ़ती डिमांड के कारण ये कोर्स टेक्निकल क्षेत्र में करियर बनाने के लिए काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. 5 साल पहले तक ये कोर्स मुख्य रूप से रिसर्च स्तर तक सीमित थे लेकिन स्नातक स्तर पर व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं थे.
2- डेटा साइंस और बिग डेटा एनालिटिक्स (Data Science and Big Data Analytics)
डेटा साइंस कोर्स में डेटा एनालिसिस, स्टैटिस्टिक्स, प्रोग्रामिंग (पायथन, R) और डेटा विज़ुअलाइज़ेशन जैसे विषय शामिल हैं. कई यूनिवर्सिटीज ने इस क्षेत्र में खास डिग्री प्रोग्राम शुरू किए हैं, जैसे B.Sc./M.Sc. in Data Science.
उदाहरण: IIM Calcutta और IIT Madras का ऑनलाइन डेटा साइंस प्रोग्राम (2020 के बाद शुरू) और BITS Pilani का M.Tech in Data Science.
फोकस: डेटा-संचालित निर्णय लेने की बढ़ती जरूरत ने इस कोर्स को लोकप्रिय बनाया. 2020 से पहले डेटा साइंस कोर्स मुख्य रूप से निजी संस्थानों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक सीमित थे.
3- साइबर सिक्योरिटी और एथिकल हैकिंग
साइबर अटैक्स की बढ़ती संख्या के कारण यूनिवर्सिटीज में साइबर सिक्योरिटी, क्रिप्टोग्राफी और एथिकल हैकिंग से जुड़े कोर्स शुरू किए गए हैं. ये कोर्स साइबर अटैक्स से निपटने और डिजिटल सिस्टम को सुरक्षित करने पर फोकस्ड हैं.
उदाहरण: Amity University और SRM Institute of Science and Technology ने B.Tech in Cyber Security शुरू किया. IGNOU ने भी साइबर सिक्योरिटी में डिप्लोमा कोर्स शुरू किए.
फोकस: डिजिटल इंडिया और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में वृद्धि की वजह से साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की डिमांड बढ़ गई है. पहले ये कोर्स मुख्य रूप से सर्टिफिकेशन स्तर पर उपलब्ध थे.
4- ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology)
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कोर्स में क्रिप्टोकरेंसी, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) और सप्लाई चेन मैनेजमेंट जैसे विषय शामिल हैं. ये कोर्स टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल, दोनों क्षेत्रों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.
उदाहरण: IIT Kharagpur और IIIT Bengaluru ने ब्लॉकचेन में विशेष कोर्स और सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू किए. कुछ यूनिवर्सिटीज ने MBA प्रोग्राम में ब्लॉकचेन को शामिल किया.
फोकस: क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल लेजर की बढ़ती लोकप्रियता ने इस कोर्स को जरूरी बना दिया है. 2020 से पहले ब्लॉकचेन एजुकेशन मुख्य रूप से वर्कशॉप्स या ऑनलाइन कोर्स तक सीमित थी.
5- सस्टेनेबल डेवलपमेंट और क्लाइमेट टेक्नोलॉजी
पर्यावरणीय चुनौतियों और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के महत्व को देखते हुए कई यूनिवर्सिटीज सस्टेनेबल डेवलपमेंट, ग्रीन टेक्नोलॉजी और क्लाइमेट चेंज मिटिगेशन में कोर्स उपलब्ध करवा रही हैं. इनमें रिन्यूएबल एनर्जी, कार्बन न्यूट्रलिटी और सर्कुलर इकोनॉमी जैसे विषय शामिल हैं.
उदाहरण: TERI School of Advanced Studies का M.Tech in Renewable Energy और JNU का MA in Environmental Studies. IIT Madras ने भी क्लाइमेट टेक्नोलॉजी में विशेष कोर्स शुरू किया है.
फोकस: क्लाइमेट चेंज और सरकारी नीतियों (जैसे नेट-ज़ीरो लक्ष्य) ने इन कोर्सेस को महत्वपूर्ण बनाया है. पहले ये विषय मुख्य रूप से पर्यावरण विज्ञान के अंतर्गत सामान्य रूप से पढ़ाए जाते थे.