नई दिल्ली:– 27 मई 2025 को शनि जयंती मनाई जाएगी। यह जयंती सूर्यपुत्र भगवान शनिदेव के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। हिंदू धर्म में शनि देव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है, उनकी आराधना से व्यक्ति को रोग, कर्ज और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। इस दिन शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए लोग उनकी पूजा और कई तरह के उपाय करते हैं।
ज्योतिषयों के अनुसार, इस दिन वैसे तो कई शुभ योग बन रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि शुभ मौके पर फूल से जुड़े कुछ उपाय कर शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम कर सकते हैं। ऐसे में आइए जानें कि शनि देव के प्रिय फूल अर्पित कर कैसे साढ़ेसाती और पनौती के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
शनि जयंती के दिन शनि देव को कौन से फूल चढ़ाएं
आक का फूल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि जयंती के दिन शनि देव को आक का फूल चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है। इस फूल को अर्पित करने से शनि देव अति प्रसन्न होते हैं और जातक की किस्मत का ताला खोल सकते हैं।
गुड़हल का फूल
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए गुड़हल का फूल भी अर्पित कर सकते हैं। क्योंकि गुड़हल का फूल शनिदेव को अति प्रिय है जिसे चढ़ाने से शनिदोष दूर होता है। ज्योतिषयों के अनुसार, शनि जयंती या किसी भी शनिवार को अगर गुड़हल का फूल शनिदेव को अर्पित करें तो इसके बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
अपराजिता का फूल
शनि जयंती के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अपराजिता का फूल भी चढ़ा सकते हैं। यह फूल भी शनिदेव को अति प्रिय है। यह नीले रंग का फूल शनिदेव को तो अर्पित किया जाता है, साथ ही भगवान शिव को भी यह फूल चढ़ाने की परंपरा है।
शमी के फूल
शनि जयंती के शुभ मौके पर शनि देव को शमी के फूल चढ़ाना अति शुभ माना गया है। इस दिन शनि महाराज की विधि विधान से पूजा करें और पूजा के समय ही शमी के पत्ते, शमी के फूल व शमी के जड़ अर्पित करें।
शमी के फल चढ़ाने से भी शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है। दुख दूर होते हैं और धन की आवक बढ़ती है।
शनि जयंती पर अगर कोई जातक 5, 7, 11 अपराजिता के फूल शनिदेव के चरणों में अर्पित करता है तो शनिदेव प्रसन्न होकर साढ़ेसाती और पनौती के प्रभाव को कम कर देते हैं।