जशपुर:- पिछले साल से ही जशपुर के लाइवलीहुड कोविड केअर सेंटर का संचालन बिना एम.बी.बी.एस चिकित्सक के हो रही है पिछले बार स्टाफ के द्वारा और मरीजो की शिकायत पर एम.बी.बी.एस. चिकित्सक की ड्यूटी तो लगा दी पर उनमे से एक भी चिकित्सक मरीज को देखने कभी नही गए, बस निवास में खुद की फ़ोटो छपवा कर कोरोना वॉरियर बन गए जबकि ब्लॉक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से आये ग्रामीण चिकित्सा सहायकों आयुष चिकित्सको ने और स्टाफ नर्स ने ही सभी मरीज को प्रत्यक्ष देख रेख कर उपचार किया गया।
पर प्रशानिक अधिकारी के आंखों में धूल झोंक सिर्फ कागजों में डॉक्टर की ड्यूटी लगी कि लगी रही पर कोई भी देखने नही जाता मरीज भी खुद फोन कर जन प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी को इसकी जानकारी कोविड सेंटर से देते और मीडिया के लोगो को भी पर जब पूछा जाता है तो ड्यूटी रोस्टर दिख दिया जाता है मरीज का उपचार कौन कर रहा है कैसा है कोई नही पूछता ।
अभी जब कोरोना जशपुर जिले में चरम पर है और एक समय ऐसा भी आया जब लाइवलीहुड में 120 से ज्यादा मरीजों को रखा गया था तब भी इस संस्थान का संचालन सिर्फ एक ग्रामीण चिकित्सा सहायक एवं कोविड स्टाफ नर्स के द्वारा किया जा रहा है । अपने सीमित संसाधनों से ये टीम अब तक संचालित करते आ रही है । कभी जमीन में बैठ के काम करते हुऐ कभी खुद के खर्चे से पीने का पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए। मरीजो और मेडिकल स्टाफ के भोजन की गुणवत्ता एवं समय पर तो कई बार सवाल उठते रहे पर अधिकारियों को इन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
फिर भी ये टीम अपना घर बार त्याग के निःस्वार्थ भाव से सेवा दे रही है पर जब कोरोना का आतंक बद से बत्तर होते जायेगा तब उच्च अधिकारियों एवं प्रशासन की आँखे खुलेगी की चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई जाये, ताकि समय रहते मरीजों के लिए उचित कदम उठाया जा सके, नहीं तो हमेशा की तरह सभी कारणों का जिम्मा एक छोटे कर्मचारियों पर फोड़ दिया जायेगा निलंबित कर उनको इनाम दिया जायेगा।
समय रहते यहाँ आवश्यक संसाधनों एवं दवाओं की उपलब्धता एवं भोजन पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं में सुधार करने की अत्यंत आवश्कता है। फोन पर तो सब ज्ञान दे जाते है पर वस्तुस्थिति में उपस्थित होने पर ही सच्चाई का ज्ञान होता है, और सुधारों के लिए ग्राउंड पर उपास्थित होकर अपनी सेवा तो देना ही होगा।