नई दिल्ली:– प्राचीन काल से ही आध्यात्मिक साधकों और विश्वासियों ने शिव भक्ति के लिए एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा की है. इसे भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि, जो भी व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष धारण करता है उस पर भगवान शिव का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है. इसका क्या महत्व है और इसे धारण करने के क्या नियम हैं? आइए जानते हैं
एक मुखी रुद्राक्ष का महत्व
भगवान शिव के स्वरूप माने जाने वाले एक मुखी रुद्राक्ष का पौराणिक इतिहास काफी लंबा है. ऐसी मान्यता है कि जो भी इसकी पूजा करता है उसके घर और परिवार में सुख और शांति आती है. इसके अलावा मृत्यु का भय दूर हो जाता है.
किसे धारण करना चाहिए और क्या है नियम?
एक मुखी रुद्राक्ष को डॉक्टरों, वकीलों और प्रोफेसरों को पहनना काफी शुभ माना जाता है. इसे धारण करने के लिए लाल धागे के साथ पेंडेंट के रूप में पहनना चाहिए. कभी भी इसे काले रंग के धागे में नहीं पहनें इससे अशुभ प्रभाव पड़ता है. इसे धारण करने से पहले रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप करना चाहिए. इसे पहनने के बाद तामसिक भोजन ना करें. अगर रुद्राक्ष का धागा गंदा या खराब हो जाए तो इसे बदल दें. इसे धारण करने के बाद अशुद्ध स्थान पर जाने से बचना चाहिए.
