नई दिल्ली:– ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि पर 5 जून को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। इस तिथि पर गंगा स्नान और दान करने से सभी दस प्रकार के पापों का शमन होता है। पूर्वाह्न व्यापिनी दशमी तिथि पर छह संयोग बन रहे हैं। इस दिन हस्त नक्षत्र, सूर्य वृषभ राशि में एवं चंद्रमा कन्या राशि में होंगे।
गंगा स्नान और दान से जिन दस पापों का शमन होता है उनमें तीन कायिक, चार वाचिक और तीन मानसिक पाप हैं। ज्योतिषाचार्य पं. विकास शास्त्री ने बताया कि बिना कीमत चुकाए कोई वस्तु लेना, अकारण हिंसा एवं स्त्री से दुर्व्यवहार, ये तीन कायिक पाप होते हैं। चार प्रकार के वाचिक पापों में कठोर वचन बोलना, असत्य बोलना, दूसरे की निंदा तथा व्यर्थ बोलना है। तीन मानसिक पापों में दूसरों की धन-संपत्ति हड़पने की इच्छा रखना, दूसरों को हानि पहुंचाने की चिंता करना एवं दुराग्रह करना शामिल है। इन्हें नष्ट करने की शक्ति गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान में है। स्नान, ध्यान और देव पूजन के बाद दस ब्राह्मणों को 10 सेर तिल, 10 सेर घी, 10 सेर गेहूं दक्षिणा के साथ दान देने पर जीवन में अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है। इस पर्व पर रात्रि जागरण का भी विशेष महत्व है।
यदि गंगा समीप न हों : यदि गंगा समीप न हो तो किसी भी नदी में विधिपूर्वक स्नान करके तिलोदक देने से भी गंगा दशहरा स्नान का फल प्राप्त होता है। अगर यह भी संभव न हो तो घर में पानी में गंगा जल डालकर स्नान करने से भी गंगा स्नान का फल मिल जाता है। इस दिन पितरों के नाम से तिल से तर्पण, दान और पूजा-पाठ करना विशेष पुण्यदायी माना गया है।