भाटापारा, 27 मार्च। निस्तारी तालाबों को भरने के लिए गंगरेल से छोड़ा गया पानी 29 मार्च को भाटापारा ब्लॉक में प्रवेश कर जाएगा। सबसे पहले यह पानी टेल एरिया के गांवों को दिए जाने का फैसला हुआ है। सरपंचों को आदेश दिए गए हैं कि तालाबों को भरें, व्यर्थ न बहाएं और सिंचाई के लिए उपयोग न करें क्योंकि मात्रा सीमित है।
बोर दम तोड़ चुके हैं। तालाब अंतिम सांस ले रहें हैं। कुंओं का जलस्तर दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है। 2 माह से गहराई, इस समस्या पर सबसे पहले ध्यान देते हुए भाटापारा शाखा नहर संभाग ने गंगरेल बांध प्रबंधन से निस्तारी तालाबों को भरने के लिए पानी की मांग की थी। सहमति के बाद बांध प्रबंधन ने पानी की मात्रा की जानकारी चाही थी। समस्याग्रस्त गांवों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रबंधन ने पानी देने के दिन तो बढ़ा दिए लेकिन मात्रा कुछ कम कर दी। अब प्रयास है कि जितनी मात्रा की मंजूरी मिली है, उसे देखते हुए सबसे पहला काम, पानी की बर्बादी पर कड़ाई से रोक लगाने का होगा।

खुले गेट, 29 को पहुंचेगा पानी
गंगरेल बांध प्रबंधन ने 27 मार्च की सुबह भाटापारा शाखा नहर के लिए बांध के गेट खोल दिए। यह पानी 29 मार्च की दोपहर या शाम तक ब्लॉक में प्रवेश कर जाएगा। मात्रा 500 क्यूसेक प्रतिदिन की होगी। इसे देखते हुए, शाखा नहर संभाग ने सबसे पहले टेल एरिया के गांवों को यह पानी पहुंचाने का फैसला लिया है।
चलेगा 10 अप्रैल तक
29 मार्च को प्रवेश करने वाला गंगरेल का यह पानी 10 अप्रैल तक चलेगा। प्रयास इस बात का है कि इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों तक, पानी पहले पहुंचे। इससे भूजल स्तर तो बढ़ेगा ही, साथ ही निस्तार की विकराल हो चुकी समस्या से भी निजात मिल सकेगी। इसलिए इस बार पानी प्रबंधन की जिम्मेदारी सरपंचों को दी जा रही है।
दिए ये आदेश
विभाग ने पानी की मात्रा को देखते हुए सरपंचों को कड़ी हिदायत जारी करते हुए कहा है कि, वे अपने क्षेत्र की नहरों की निगरानी बढ़ाएं। सिंचाई के लिए पानी का उपयोग ना करने दें और पहला ध्यान तालाब को भरने पर रखें। पानी के व्यर्थ बहाव रोकने के लिए ऐसी नालियों की संरचना बनाएं, जिससे बर्बादी रोकी जा सके।
भाटापारा शाखा नहर संभाग, तिल्दा के एसडीओ के के खरे ने बताया कि गंगरेल से छोड़ा गया निस्तारी पानी 29 मार्च को भाटापारा ब्लॉक में पहुंच जाएगा। सरपंचों को आदेश दिए जा रहे हैं कि पानी प्रबंधन पर नजर रखें। नहरों के जरिए पहुंच रहे इस पानी को तालाब तक पहुंचाने के लिए सही नाली संरचना बनाएं ताकि व्यर्थ के बहाव से पानी की बर्बादी रोकी जा सके।