रायपुरः- छत्तीसगढ़ में लगातार उमस के साथ-साथ गर्मी भी बढ़ रही है. हर वर्ग के लोग इस गर्मी की वजह से परेशान हो रहे हैं. बड़ों से लेकर छोटे बच्चों में भी गर्मी की वजह से तरह-तरह बीमारियां देखने मिलती है. अप्रैल का महीना शुरू हुआ है और यह स्थिति है अगर हम मई के महीने में प्रवेश करेंगे तब क्या स्थिति रहेगी. इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. गर्मी की वजह खासकर बच्चों में डायरिया का प्रभाव ज्यादा देखने मिलता है. आइए हम आपको बताते हैं कि इस गर्मी के महीने में अपने बच्चों को डायरिया जैसी बीमारी से कैसे बचा सकते हैं.
डायरिया एक ऐसी स्थिति है जहां आपको बार-बार, ढीली और पानी वाली मल त्याग होती है. यह वायरस, बैक्टीरिया या परजीवियों के कारण हो सकता है. डायरिया हमारे शरीर को कमजोर और दुर्बल बना देती है.
डायरिया किसी भी उम्र के बच्चों को हो सकता है, लेकिन छोटे बच्चों और शिशुओं में ये समस्या कई बार ट्रिगर कर सकती है. डायरिया सामान्य तौर पर बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है. इसके लिए रोना वायरस को जिम्मेदार माना जाता है. डायरिया के कारण बच्चों में डिहाइड्रेशन होने की समस्या बढ़ जाती है. कई बार ये समस्या जानकारी न होने के कारण जानलेवा भी हो सकती है.
इन चीजों से बचे
राजधानी रायपुर स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल में मेडिसिन विभाग के प्राध्यापक डॉ आर एल खरे ने बताया कि गर्मी के दिनों में बड़ो के अलावा बच्चों में भी डायरिया का प्रभाव देखा जाता है. बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए दूषित पानी, दूषित पदार्थ या भोजन से बचाना चाहिए. हम अपने हाथ खुद साफ कर लेते हैं. लेकिन बच्चे नहीं करते ऐसे में यह विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. बच्चे जब बाहर से खेलकर आते हैं तब उनके हाथ धुलाना चाहिए, साथ ही उन्हें सिखाना चाहिए कि नियमित रूप से खाना खाने और पानी पीने से पहले अपने हाथों को अच्छे से साफ कर लें.
बाहर के खाने को कहें ना
डॉ आर एल खरे ने आगे कहा कि बाहर खाने की प्रवृत्ति में अंकुश लगाना चाहिए ताकि बाहर से दूषित भोजन, पानी हमारे शरीर में प्रवेश न करे. गर्मी के दिनों में चुस्की, बर्फ गोला, आइसक्रीम मिलती है शाम होते ही मोमोज, चिल्ली जैसे फास्ट फूड खाते हैं उसकी रोकथाम करना चाहिए. बाहर से ज्यादा घर खाना ज्यादा साफ रहता है.
