पाली महोत्सव में इस वर्ष सांस्कृतिक आयोजन विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। दोनो दिन मुख्य मंच पर गीत-संगीत की सुरमई शामें सजेंगी। हर दिन शाम चार बजे से सांस्कृतिक आयोजन शुरू होंगे। पहले दिन रजी मोहम्मद द्वारा पियानो वादन से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत होगी। श्रीमती मनीषा चैधरी द्वारा भजन और छत्तीसगढ़ी तथा हिन्दी गीतों की सुगम संध्या भी पहले दिन ही अपने रंग बिखेरेगी। महाशिवरात्रि के दौरान आयोजित होने वाले इस महोत्सव में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कलाकारों द्वारा भगवान शिव की आराधना पर आधारित लघु नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत की जाएगी। पहले दिन देर शाम छत्तीसगढ़ी गायिकाओं सुश्री गरिमा दिवाकर और स्वर्णा दिवाकर द्वारा भी गीत-संगीत का मोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। महोत्सव के दूसरे दिन 12 मार्च को लोक कलाकार श्री थिरमन दास मानिकपुरी द्वारा छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की छटा बिखेरी जाएगी। इसके बाद प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गायिका ममता चंद्राकर के गीतों से महोत्सव की शाम सरोबोर रहेगी। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भजन और गजल गायक श्री दिलीप षडंगी के सुरों-तालों से 12 मार्च की शाम को संगीतमय करेंगे।